डिजिटल अरेस्ट गैंग का पर्दाफाश : नोएडा से पांच साइबर ठग गिरफ्तार, विदेशों से जुड़े है तार

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : साइबर थाना प्रयागराज ने बड़ी कार्रवाई करते हुए "डिजिटल अरेस्ट" के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय साइबर गिरोह के पांच शातिर ठगों को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है। यह गैंग दक्षिण एशियाई देशों के साइबर ठगों के लिए एजेंट की तरह काम करता था और उन्हें ओटीपी, बैंकिंग डिटेल्स, अकाउंट्स मुहैया कराता था। इसके बदले इन्हें क्रिप्टो करेंसी में कमीशन दिया जाता था।

कैसे हुआ पर्दाफाश : डीसीपी साइबर अपराध कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि सितंबर 2024 में इंजीनियर हर्ष भट्ट से 28.62 लाख की ठगी हुई थी। पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर यह रकम ऐंठी गई थी। इसी केस की विवेचना के दौरान पुलिस को सुराग मिले और फिर बुधवार को पांच आरोपियों को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया गया।

विदेशों से जुड़े तार : डीसीपी साइबर अपराध ने बताया कि सर्विलांस की मदद से ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रींस निवासी कौस्तुभ गुप्ता, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 151 के भानु सैनी, दिल्ली के करतार नगर निवासी अनुराग, कानपुर नगर के नौबस्ता निवासी शनि झा और दिल्ली के करावल नगर निवासी हिमांशु कुमार को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से 3 लग्जरी गाड़ियां, 8 मोबाइल, 14 सिमकार्ड, 5 चेकबुक,  1 एटीएम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग डिटेल्स भी बरामद हुई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह गैंग टेलीग्राम ऐप के ज़रिए लाओस, कंबोडिया, मलेशिया, वियतनाम, चीन और थाईलैंड में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़ा था। ये विदेशी गिरोह भारतीय नागरिकों को डराने, प्रलोभन देने, डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन गेमिंग और नेताओं की फर्जी डीपी लगाकर ठगी करते थे।

 इस तरह से बनाते थे एजेंट  
  • भारत में बेरोजगार या लालच में फंसे लोग एजेंट बनते थे
  • उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाए जाते
  • खाते से जुड़े मोबाइल में OTP फॉरवर्डर ऐप इंस्टॉल कराया जाता
  • OTP सीधे विदेशी ठगों तक पहुंचती
  • बदले में एजेंट को क्रिप्टो करेंसी में कमीशन मिलता

कौस्तुभ की कहानी: गेमिंग से साइबर ठग तक
आरोपी कौस्तुभ गुप्ता ने इंटर तक पढ़ाई की है। वह पहले ऑनलाइन गेमिंग की लत में फंसकर घर और दुकान के 40 लाख रुपये गवां बैठा। सदमे में उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद कौस्तुभ ने टेलीग्राम के जरिए साइबर ठगों से संपर्क साधा और धीरे-धीरे लग्जरी जीवनशैली के लालच में अपराध में उतर गया। उसने अलग-अलग खातों से 20 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया और इसके बदले 44 लाख रुपये कमीशन कमाया। इस केस में इससे पहले मृदुल बाजपेई, गगन प्रताप सिंह, हिमांशु वर्मा, पवन कुमार और आकाश सांगवान को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।

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