कागजों में लिपटे एनएमसी के मानक आज उतरेंगे केजीएमयू परिसर में, रेड कॉरपेट पर निरीक्षण करेंगी नैक टीम

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। अगले तीन दिन केजीएमयू में मरीज ही नहीं, मेडिकोज को वह अनुभव मिलेगा, जिसकी उन्होंने संस्थान में कदम रखने के पहले सोचा तो होगा, मगर कभी न देखा होगा और न महसूस किया होगा। यह अनुभव अच्छा होने के साथ कुछ के लिए कष्टकारी भी हो सकता है। 

क्योंकि मरीजों व छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) की टीम 31 जुलाई गुरुवार से अगले तीन परिसर में रहेगी। नैक की टीम के लिए रेड कॉरपेट की व्यवस्था में केजीएमयू प्रशासन द्वारा मरीजों व तीमारदारों की सुविधाओं पर बंदिशे लगा दी गई हैं।  

केजीएमयू में मरीजों को अतिविशिष्ट और गुणवत्ता युक्त चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध होंती हैं, इतना ही नहीं मरीजों को इलाज के साथ तीमारदारों को भी असुविधा का सामना केजीएमयू परिसर में नहीं करना पड़ता है, इसका प्रमाण पत्र केजीएमयू को मिले, इसके लिए कुछ मरीजों खास कर ओपीडी के मरीज व तीमारदारों को अगले तीन अपनी सुविधाओं का त्याग करना पड़ेगा। जरा की व्यवहारिक गलती करने पर तीमारदारों को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

केजीएमयू के चीफ प्राक्टर प्रो. आर ए एस कुशवाहा द्वारा जारी आदेशानुसार, गुरुवार से परिसर में मुख्य तीन प्रवेश द्ववारों में एक नंबर और 24 नंबर द्वार बंद रहेंगे। मात्र द्वार नंबर दो ही प्रवेश के लिए उपलब्ध होगा, इसलिए कॉलेज में रोजाना आने वाली हजारों की भीड़ का दबाव एक ही प्रवेश द्वारा पर होगा, लिहाजा पैदल चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों एवं तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

इस संबन्ध में केजीएमयू प्रवक्ता डॉ.सुधीर सिंह का कहना है कि 24 नंबर प्रवेश द्वारा गेस्ट हाऊस में आने वाले अतिथियों के लिए है, मरीजों के लिए नहीं, इसलिए बंद रहेगा। उसके अलावा एक नंबर गेट भी वैकल्पिक व्यवस्था है, इसलिए मरीजों एवं तीमारदारों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।  

बदला रहेगा नजारा

नैक टीम निरीक्षण के दौरान केजीएमयू में ओपीडी से लेकर वार्डो का नजारा बदला रहेगा, पान की पीक और गंदगी से भरे रहने वाले दिवारों के कोनों के साथ ही वार्डो में हर बेड के आस-पास साफ सफाई रहेगी, तीन रंग के डस्टविन में कर्मचारी खुद मरीजों से मेडिकल वेस्ट लेकर फेकेंगे। इतना ही नहीं, सभी डॉक्टर्स व नर्स के अलावा कर्मचारी आदि भी अपनी निर्धारित ड्रेस में रहेंगे। वार्डो में भर्ती मरीजों के पास डॉक्टर व नर्स खुद से बिना बुलाए स्थिति का जायजा लेने पहुंचेंगी।

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