मलिहाबाद CHC में जांच टीम को जांच से रोका गया, BCPM पर संगठित साजिश का आरोप
मानदेय व अन्य अनियमितताओं की जांच के दौरान उत्पन्न हुआ विवाद , आशा बहुओं को धमकी देने का भी आरोप, सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई सामने लाने की मांग
मलिहाबाद संवाददाता, अमृत विचार : लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) मलिहाबाद में एक गंभीर प्रशासनिक विवाद सामने आया है। आरोप है कि मानदेय और अन्य मदों में अनियमितता की जांच के लिए आई सीएमओ टीम की जांच को जानबूझकर बाधित किया गया। मामले में बीसीपीएम मिथिलेश सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) लखनऊ की टीम 30 जुलाई 2025 को सीएचसी मलिहाबाद में जांच करने पहुंची, तब बीसीपीएम मिथिलेश सिंह ने जानबूझकर 40 से 50 आशा बहुओं को इकट्ठा कर जांच को बाधित किया। आरोप यह भी है कि संगिनी मंजू, गीता, अमिता मौर्या समेत कई आशा बहुओं को अधीक्षक के कक्ष में बिना अनुमति के भेजा गया, जहां जांच टीम मौजूद थी।
❝ जांच के दौरान जानबूझकर माहौल को किया गया तनावपूर्ण ❞
शिकायत में कहा गया है कि जांच अधिकारियों के बयान दर्ज करने के दौरान बीसीपीएम द्वारा भेजी गई भीड़ ने जानबूझकर माहौल को तनावपूर्ण बनाया। इस वजह से जांच टीम को बीच में ही बाहर आना पड़ा। झगड़े की स्थिति बन गई, जिसे अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने खुद हस्तक्षेप करके शांत किया।
शिकायतकर्ताओं को जान का खतरा, सीसीटीवी फुटेज की मांग
शिकायतकर्ता आशा कार्यकर्ताओं ने आशंका जताई है कि उन्हें जान-माल का खतरा है। उन्होंने यह भी मांग की है कि जांच बाधित करने के प्रयासों की पुष्टि के लिए अधीक्षक कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज तत्काल देखी जाए।
❝ अगर कोई अनहोनी होती है, तो बीसीपीएम और सहयोगी होंगे जिम्मेदार ❞
शिकायत पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यदि किसी भी शिकायतकर्ता (देशपति मंडल अध्यक्ष, सरला सिंह ब्लॉक अध्यक्ष सहित) के साथ कोई भी घटना घटती है, तो बीसीपीएम मिथिलेश सिंह और उनके सहयोगी पूर्ण रूप से जिम्मेदार माने जाएं। हालांकि, सीएचसी अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया की जांच टीम आई थी आशाओं की शिकायत प़र जांच की गई है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जाएगी। बाकी कुछ आशा व संगनिया बिना बुलाए आ गई थी, किसी तरह का कोई जांच प्रभावित नहीं हुई है।
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