नदियां बेकाबू, बेतहाशा बारिश, 12 लोगों की मौत... उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बर्बादी, राज्य के कई इलाकों में हालात चिंताजनक
लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बेतहाशा बारिश के बीच लगभग 18 जिलों में नदियां बेकाबू हैं। इन हालातों के बीच राज्य में 12 लोगों की अलग-अलग घटनाओं में जान चली गई। वहीं, लखनऊ, अयोध्या और अंबेडकरनगर में 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर देने पड़े। फिलहाल 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों की 37 तहसीलें और 402 गांव जलमग्न हैं।
भारी बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, झांसी, आगरा, कानपुर देहात, कानपुर नगर समेत सभी प्रमुख जिलों में नदियां उफान पर हैं। गंगा-यमुना के साथ चंबल नदी में भी बाढ़ से कई इलाकों में हालात चिंताजनक हैं। लोगों के घर तक डूब गए हैं, कई जिलों में स्कूलों में पानी घुस गया है। सबसे ज्यादा स्थिति वाराणसी और प्रयागराज में खराब है।
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इधर, राजधानी लखनऊ में लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए जिलाधिकारी विशाख जी ने कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों को सोमवार की सुबह अचानक छुट्टी कर देने का आदेश दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक का संदेश प्रसारित हुआ कि जिन विद्यालयों के बच्चे बस या वैन से प्रस्थान कर चुके हैं उन्हें वापस बुला लिया जाए। इसके साथ ही बरेली, सुलतानपुर, सीतापुर और अंबेडकरनगर जिले में भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
मौसम से खराब हुए हालातों के बीच बदायूं के बिल्सी थाना क्षेत्र के गांव वैन में सोमवार दोपहर गड्ढे में भरे बारिश के पानी में डूबकर दो सगे भाइयों की मौत हो गई। वहीं, अमरोहा के रजबपुर थाना क्षेत्र के कूबी गांव में सोमवार सुबह एक तीन मंजिला पक्का मकान ढह गया। घटना में 47 साल के किसान की मौत हो गई। इधर, कानपुर के घाटमपुर में बारिश के कारण खंडहर की दीवार गिरने से 7 वर्षीय बच्चे की दबकर मौत हो गई। घटना सोमवार दोपहर की है। बच्चे की पहचान शिवा के रूप में हुई है, जो कक्षा तीन का छात्र था।
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बाढ़ को लेकर संवेदनशील है 40 जिले, सरकार तैयार
मुख्य सचिव एसपी गोयल ने संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के सभी जिलाधिकारियों को कमर कस लेने की हिदायत दे दी है। राहत आयुक्त ने बताया कि 24 जिले अतिसंवेदनशील हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं।
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कच्ची दीवार ढही, दो सगी बहनों की मौत
सिधौली कोतवाली क्षेत्र के खैरेन देशनगर गांव में सोमवार तड़के तेज बारिश के चलते कच्ची दीवार ढहने से छप्पर में अपने नाना के साथ सो रही दो सगी बहनों की मौत हो गई। दीवार के मलबे में दबकर नाना गंभीर रूप से घायल हो गए। चांदनी (14) और शिवासी (12) अपने नाना रामपाल (60) के साथ छप्पर के नीचे सो रही थीं। रातभर की तेज बारिश के बाद सोमवार तड़के करीब 4 बजे अचानक कच्ची दीवार भरभराकर गिर गई। तेज आवाज और चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मलबे से तीनों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक दोनों बहनों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
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