सरयू का कहर! नेपाल से छोड़ा पानी बना मुसीबत, गांव-घर-खेत सब डूबे

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

तराई में तबाही का मंजर, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, पलायन को मजबूर हुए ग्रामीण

बाराबंकी, अमृत विचार : पड़ोसी देश से फिर छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक पानी से हालात और बिगड़ने के आसार बन गए हैं। उधर सरयू नदी के जलस्तर ने रौद्र रूप दिखाना शुरु कर दिया है। खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर पहुंच गई नदी का पानी तमाम गांवों में तेजी से घुसता जा रहा और खेत, रास्ते, खलिहान जलमग्न हो रहे हैं। तराई में पलायन ही आखिरी चारा मान ग्रामीणों ने तैयारी पूरी कर ली है। तीन तहसीलों में अलर्ट जारी करते हुए ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की गई है। 

सिरौलीगौसपुर प्रतिनिधि के अनुसार नेपाल से छोड़े गए पानी से सरयू नदी के केिनारे बसे कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। वहीं मंगलवार को नेपाल द्वारा तीन लाख सत्रह हजार छः सौ बाइस क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन भी अलर्ट मोड में है। तहसील प्रशासन ने अपने राजस्व निरीक्षक लेखपाल आदि को अलीनगर रानीमऊ तटबंध के भीतर बसे गांवों कहारनपुरवा, सनांवा, टेपरा, कुर्मिन टेपरा, पासिन पुरवा, बघौली पुरवा, गोबरहा, तेलवारी, सिरौली गुंग, सरदहा, परसा, कोठीडीहा में भेज कर ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं कि इस बार नेपाल से छोडा गया पानी तेजी से गांवों में पंहुच सकता है। सभी ग्रामीण अपनी गृहस्थी का सामान समेट कर बांध एव अन्य ऊंचे स्थानों पर रुकें। तहसीलदार बालेन्दु भूषण वर्मा ने तेलवारी, सरदहा परसा बबुरी कोठीडीहा इत्यादि गांवों के ग्रामीणों को सचेत कर बाढ चौकियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।

बाढ़ के बाद पलायन

तहसीलदार ने बाढ चौकियों पर लगे राजस्व कर्मियों से कहा है कि कि बाढ़ की स्थिति की अपडेट तहसील के बाढ कन्ट्रोल रूम को देते रहे। उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह ने पशुपालन विभाग, विकास विभाग, आंगनबाड़ी व शिक्षा विभाग को अलर्ट करते हुए सभी अपनी अपनी ड्यूटी अच्छे से निभाने के निर्देश दिये हैं। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों ने भी अपने संसाधन मजबूत करने के साथ ही ऊंचे स्थानों पर बसेरा बनाने की तैयारी शुरू कर दिया है। टेपरा के अंगनू ने बताया कि नदी तेजी के साथ बढ़ रही गांव को चारों तरफ से घिरते ही पलायन शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दिया है। रामनगर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के कोरिनपुरवा, तपेसिपाह आदि गांवों को जहां नदी के पानी ने घेर लिया है। वहीं सुंदरनगर में नदी का पानी घुसने से यहां बने 42 मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। नदी का पानी खेत व घरों को घेरता जा रहा है। तहसील प्रशासन ने तराई में बसे लोगों को अलर्ट करने के साथ ही बाढ़ चौकियों को सतर्क किया है।

सूरतगंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के हेतमापुर में नदी का पानी तेजी के साथ गांवों और घरों की ओर प्रवेश करने लगा है। उधर प्रभावित लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन भी करने लगे है। तहसीलदार विपुल सिंह और क्षेत्राधिकारी फतेहपुर जगतराम कनौजिया ने भी बाढ़ से घिरे गांवों का निरीक्षण कर लोगों से बाढ़ राहत केंद्र में शरण लेने का अनुरोध किया है। तटबंध पर शरण लेने के लिए बाढ़ पीड़ितों ने आशियाना बनाना शुरू कर दिया है। सूरतगंज ब्लाक के बाढ़ प्रभावित सरसंडा, बेलाहरी, केदारीपुर, सुंदरनगर, बांसुपुर, बाबापुरवा, कोड़री, पुरनपुर आदि गांवों को सरयू नदी के पानी ने अपने आगोश में ले लिया है। उधर नदी का पानी किनारों पर कटान कर रही है। बीडीओं देवेंद्र प्रताप सिंह ने सचिवों को नजर बनाए रखते हुए बाढ़ पीड़ितों को सुविधाएं मुहैया करने के निर्देश दिए है। 

बाराबंकी बाढ़
नदी पार करने को बनने लगी नांव : काफी उतार चढ़ाव के बाद उफनाई सरयू नदी की बाढ़ तय जान ग्रामीणों ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है। एक ओर किसान पानी से घिरे घर व जलमग्न खेतों को सूनी आंखों से निहारने को विवश है तो दूसरी ओर नदी पार करने के लिए नाव बनाने का काम जोरों पर है। यह स्थिति उन गांवों की है जिनके सामने बाढ़ आने के बाद वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचता। लगातार बढ़ते जलस्तार के बाद नदी का पानी तबाही मचाने के मूड में आ गया है। इससे भयभीत ग्रामीण वहां से निकलने के लिए सभी उपाय अपना रहे। हालांकि घर, खेत, जमीन छोड़ पीड़ित तटबंध व सुरक्षित जगहों को ही ठिकाना बनाएंगे ताकि नदी के शांत होने पर वापसी शीघ्र तय हो सके।  अपर जिलाधिकारी डॉ. अरुण सिंह ने बताया कि तीन लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। प्रभावित होने वाले इलाकों में ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है। नदी का पानी गांवों की ओर बढ़ तो रहा पर बुधवार सुबह 10 बजे तक नदी की स्थिति साफ हो जाएगी।

यह भी पढ़ें:- गांव की ज़मीन पर दबंगों का कहर!...रास्ता बंद, गेट लगा, जनता ग़ुस्से में, फिर भी प्रशासन खामोश!

संबंधित समाचार