'लोहिया में आम मरीज खा रहे थे धक्के, VIP की विशेष व्यवस्था' OPD में डॉक्टर को दिखाने से लेकर दवा लेने में लग रहे 6 से 8 घंटे

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वीआईपी मरीजों को तो हाथों हाथ लेने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन आम मरीज धक्के खा रहे हैं। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक आम मरीजों को इलाज के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इमरजेंसी में भर्ती मरीजों तक को बाहर कर दिया जा रहा है। मंगलवार को भी कई मरीजों को ओपीडी में डॉक्टर को दिखने से लेकर हॉस्पिटल ब्लॉक में फार्मेसी से सस्ती दर पर दवाएं लेने में मशक्क्त करनी पड़ी। दवा काउंटर पर घंटों नंबर खड़े-खड़े थककर महिलाएं थककर वहीं बैठ गईं। डेढ़ से दो घंटे बाद भी नंबर नहीं आ रहा था।

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दवा काउंटर की लाइन में लगे मोहनलालगंज के राजेंद्र यादव ने बताया कि पत्नी सिरोसिस की बीमारी से ग्रसित है। डॉक्टर को दिखाने के लिए 7 बजे आ गए थे। करीब एक घंटे तक लाइन में लगने के बाद पर्चा बना। डॉक्टर को दिखने में दो घंटे लग गए। अब दवा के लिए करीब डेढ़ घंटे से लाइन में लगा हूं। उम्मीद है कि अगले एक घंटे में दवा मिल जाएगी। गाेंडा की मरीज श्रीमती मंगलवार सुबह छह बजे संस्थान के अस्पताल ब्लॉक की ओपीडी में पहुंच गई थीं। दो घंटे के इंतजार बाद उनका पर्चा बना। इसके बाद महिला एक से डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर को दिखाकर जांच भी करा ली। 

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हॉस्पिटल ब्लॉक में खुले दवा काउंटर पर दवा लेने के लिए पहुंची। करीब दो घंटे तक वह कतार में खड़े-खड़े थक गई। इसके बाद भी उनका नंबर नहीं आया। इसी तरह मोहनलालगंज की रहने वाली महिला संतोष ने बताया वह भी करीब डेढ़ घंटे से दवा काउंटर की कतार में लगी हैं। इसके बाद भी उनका नंबर नहीं आया है।

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संस्थान के प्रवक्ता डॉ. भुवनचंद्र तिवारी का कहना है किओपीडी में दिखाने के लिए पर्चा जरूरी है। यदि मरीज को पर्चा बनवाने से लेकर डॉक्टर को दिखाने तक में कोई परेशानी आती है तो हेल्प डेस्क और पीआरओ से संपर्क कर सकता है। दवा काउंटर बढ़ाए गए हैं स्टाफ भी पर्याप्त है फिर भी दवा मिलने में देरी हो रही है तो इसे दिखवाया जाएगा।

अस्पताल से सहायता के लिए नहीं मिलता सहयोगी

लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भी आम मरीजों को भर्ती के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म भरने की व्यवस्था से अशिक्षित तीमारदारों को दिक्कत उठानी पड़ रही। सहायता के लिए संस्थान की तरफ से किसी अटेंडेंट की तैनाती नहीं की गई है। सरकार के निर्देश के बावजूद हेल्प डेस्क सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं।

अधूरा इलाज देकर मरीज को किया इमरजेंसी से बाहर

बाराबंकी की निर्मला (54) को किडनी की समस्या है। बेटे दिलीप ने बताया सोमवार दोपहर व इलाज के लिए लोहिया संस्थान की इमरजेंसी लाया था। दोपहर करीब 3 बजे इमरजेंसी में मरीज को भर्ती किया गया। रात करीब 9 बजे डॉक्टरों ने ओपीडी में दिखाने की बात कहकर बाहर कर दिया। परिजन पूरी रात संस्थान की ओपीडी में स्ट्रेचर पर लिटाए रखे। मंगलवार सुबह घंटों इंतजार बाद पर्चा बना तब तक देरी हो चुकी थी। डॉक्टर भी ओपीडी से चले गए थे। बेटे का आरोप है इलाज न मिलने पर मरीज को वापस ले गए।

ओपीडी बाहर जमीन पर तड़पता रहा मरीज

गोसाईगंज के मरीज पवन कुमार को लेकर परिजन मंगलवार सुबह लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में लाए थे। पर्चा काउंटर पर लंबी कतार होने की वजह से मरीज ओपीडी के बाहर गेट पर पड़ा तड़प रहा था। मरीज का बीपी संग शुगर बढ़ा हुआ था। पत्नी अनीता ने बताया सुबह करीब दस बजे लेकर आए थे। दो घंटे तक पर्चा काउंटर की कतार में लगे रहे मगर पर्चा नहीं बन सका। पति की हालत बिगड़ रही थी।

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