आखिरी बुधवार को बुद्धेश्वर मंदिर में भक्तों ने की शिव की आराधना, मंदिर आये लोगों ने मेले का लिया आनंद

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचारः सावन मास के अंतिम बुधवार को बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में शिवभक्तों ने भोलेनाथ की आराधना की। बेलपत्र, भांग, धतूरा, कमलपुष्प, दूध, दही, शहद व गंगाजल अर्पित कर पूजा-अर्चना की। देर रात से ही हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोषों से मंदिर परिसर गूंज उठा।

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श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने रात में ही कपाट खोल दिए। सुबह चार बजे महंत रामूपुरी की अगुवाई में भव्य महाआरती हुई, जिसके चलते कुछ समय के लिए दर्शन स्थगित किए गए। आरती के बाद पुनः आम भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए। सावन में सोमवार का विशेष महत्व होता है, लेकिन बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार का भी खास महत्व है। 

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मान्यता है कि इस दिन जल अर्पण करने से भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। मंदिर परिसर के चारों ओर विशाल मेला भी सजा, जहां ग्रामीण क्षेत्रों से आए भक्तों ने चकला-बेलन, डलिया, खटाई, बेना, बालमखीरे का चूर्ण और हरी चूड़ियों की खूब खरीदारी की।

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सोनपापड़ी, पट्टी और अंदरसे की गोलियों की जमकर बिक्री हुई। प्रशासन द्वारा सीसीटीवी से निगरानी सहित सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए।

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