साइबर अपराध नियंत्रण को बनेगी केंद्र व प्रदेश सरकार की SOP, DGP राजीव कृष्ण और ICCCCCC के अधिकारियों ने बनाई रणनीति

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Published By Muskan Dixit
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पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में छह बिंदुओं पर साझा कार्ययोजना बनाने पर बनी सहमति

लखनऊ, अमृत विचार: देश में बढ़ रहे साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए केंद्र व प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियां विशेष कार्ययोजना तैयार करेंगी। इसे लेकर डीजीपी राजीव कृष्ण और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आईसीसीसीसीसी) के सीईओ राजेश कुमार, आईजी थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट रूपा एम. के बीच गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में एक बैठक हुई। जिसमें छह बिंदुओं पर विशेष कार्ययोजना तैयार कर साइबर अपराध से निपटने की तैयारी बैठक की गई। केंद्र व प्रदेश सरकार की सुरक्षा एजेंसियों जनता को राहत देने के लिए नई पहलों और बेहतर समन्वय से काम करने पर सहमत हुए।

पुलिस मुख्यालय में गुरुवार दोपहर को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के अधिकारियों के बीच साइबर अपराध से निपटने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसमें छह प्रमुख बिंदु थे। संयुक्त बैठक में संस्थागत व प्रशासनिक, कामकाज और सेवा व्यवस्था में सुधार, सुरक्षा और नागरिक सहायता, पुलिस प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, जन-जागरूकता और नागरिक संवाद पर विशेष बातचीत की गई। इसमें साइबर अपराधों की रोकथाम और जांच के लिए विशेष केंद्र स्थापित करने, महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों को अलग कर कार्य करने, साइबर अपराध के मामलों में लोगों की शिकायतों को तुरंत दर्ज कर सुविधाजनक प्रक्रिया शुरू करने, प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी सौंपने की बात की गई। साथ ही साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों और जानकारी को जुटाने व प्रबंधन करने, जिलों में मिल रही शिकायतों की निगरानी व निपटारे की गुणवत्ता को परखने के लिए केंद्रीय व्यवस्था, ठगी के मामलों में पीड़ितों को राहत दिलाने के उपायों, उन क्षेत्रों की पहचान करने जहां साइबर अपराध सबसे अधिक हो रहे हैं, ठगे गये लोगों को रुपये जल्द वापस दिलाने के लिए एक टीम गठित करने की बात कही गई।

पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण

वहीं, प्रदेश में पुलिसकर्मियों को साइबर अपराध की पहचान व जांच के बारे में विशेष प्रशक्षिण देने , प्रशिक्षण नए भर्ती होने वाले ओर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों दोनों के लिए अनिवार्य हो। साथ ही जिलों में लोगों को साइबर अपराधों से सतर्क करने के लिए अभियान चलाने, जिसमें पोस्टर, वीडियो और स्कूलों-पंचायतों में कार्यक्रम का आयोजन करने पर जोर दिया गया। वहीं, प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर चलने वालेसाइबर सुरक्षा अभियानों से जोड़ने की संभावनाएं भी सामने रखी गई। बैठक में सहमति बनी की ऐसे अपराधों की पहचान व रोकथा, पुलिस की तैयारी व प्रशिक्षण, जनता के बीच जागरूकता फैलाने पर विशेष जोर दिया जाए।

केंद्र व राज्य के साझा प्रयास की जरूरत

बैठक में तय हुआ कि साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र व राज्य के बीच साझा प्रयास किया जाए। इसके लिए दोनों पक्षों ने आपसी समन्वय बढ़ाने व नियमित संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई। यूपी पुलिस और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की यह जुगलबंदी आने वाले समय में राज्य को साइबर अपराध से लड़ने के क्षेत्र में मॉडल बन सकती है।

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