निशुल्क बस सेवा के चलते शहर में भारी भीड़, धक्कामुक्की और घंटों इंतजार के बाद भी यात्रियों को नहीं मिली बसें

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचारः रक्षाबंधन पर निशुल्क बस सेवा से बहनों ने लाभ तो हुआ लेकिन भारी भीड़ के चलते यात्रियों की परेशानी भी उठानी पड़ीं। बसें खचाखच भरी होने से यात्रियों को 2 से 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। बस स्टेशनों पर बसें पहुंचते ही सीट पाने के लिए धक्कामुक्की शुरू हो जाती। गेट से जगह न मिलने पर यात्री खिड़कियों से भी अंदर घुस गए। सबसे ज्यादा मारामारी वध बस अड्डे पर रही।

रक्षाबंधन पर शहर के आलमबाग, चारबाग, कैसरबाग और अवध बस अड्डे पर भारी भीड़ उमड़ी। बसों की संख्या सीमित होने से परेशानी ज्यादा हुई। कुछ महिलाएं तो बसों में चढ़ने की होड़ में एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करती भी दिखीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह से ही बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। निशुल्क सेवा का लाभ उठाने वालों की संख्या अधिक होने के कारण बसें निर्धारित समय से लेट रहीं। 

यात्रियों का कहना था कि पहले तो उन्हें उम्मीद थी कि रक्षाबंधन पर मुफ्त यात्रा से राहत मिलेगी, लेकिन बसें न मिलने से यह सुविधा ही परेशानी का कारण बन गई। बुजुर्ग यात्रियों और महिलाओं को विशेष रूप से कठिनाई हुई, क्योंकि घंटों खड़े रहना उनके लिए मुश्किल था। एआरएम गौतम कुमार ने बताया कि निशुल्क सेवा के कारण यात्रियों की संख्या अनुमान से कहीं अधिक हो गई थी, जिससे व्यवस्था प्रभावित हुई।

अल्पसंख्य समुदाय ने भी जमकर उठाया मुफ्त बस का लाभ

अल्पसंख्यक समुदाय ने भी मुफ्त सेवा का जमकर लाभ उठाया। शहर के आलमबाग, कैसरबाग, चारबाग और अवध बस अड्डे पर अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं अधिक संख्या में दिखाई दी। आलम यह था कि अधिक भीड़ होने के कारण आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ पुरुष भी यात्रा करते दिखायी दिए। मुफ्त सेवा का लाभ लेने के लिए सहयात्रियों ने सहभागिता दिखाई।

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