बिजली का संकट झेल रहे लखनऊ के ये इलाके, घंटो कटौती के चलते परेशान लोगों ने किया हंगामा
लखनऊ, अमृत विचार: राजधानी में रविवार को बिजली आपूर्ति लड़खड़ा गई। गोमतीनगर विस्तार, राजाजीपुरम, खरगापुर और रायबरेली रोड इलाकों में हजारों लोगों को उमस से परेशान रहे। कुछ जगह लोगों ने हंगामा भी किया। गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-चार उपकेंद्र पर ट्रांसमिशन से बिजली आपूर्ति सुबह 6 बजे ठप हो गई। तीन घंटे बाद जब सुबह 9 बजे बिजली बहाल हुई।
कुछ ही देर में धमाके के साथ 33 केवी की अंडरग्राउंड केबल में फाल्ट हो गया। इससे गंगा और यमुना अपार्टमेंट की बिजली करीब शाम 4 बजे तक ठप हो गई। शिप्रा अपार्टमेंट में 16 घंटे तक यानी रात 10 बजे तक बिजली बहाल नहीं हो सकी। स्थानीय निवासियों ने कई बार टोल फ्री नंबर 1912 और अधिकारियों को कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठे। इससे नाराज़ लोग उपकेंद्र पहुंच गए।
यमुना अपार्टमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुमन सिंह रावत ने बताया कि दिनभर जनरेटर चलाना पड़ा। शिप्रा अपार्टमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव निगम ने बताया कि डीजल में करीब 20 हजार रुपये खर्च हो गए। चिनहट डिवीजन के अधिशासी अभियंता प्रभाकर सिंह ने बताया कि शिप्रा अपार्टमेंट के फीडर में नमी के कारण बार-बार फाल्ट हो रहा था।
राजाजीपुरम पाल तिराहा स्थित उपकेंद्र पर रविवार सुबह 10 बजे अंडरग्राउंड केबल फाल्ट हो गया। इसके चलते सिल्वर सिटी, शालीमार कॉलोनी, सुंदर नगर, सोना भट्ठा, मुरदाईया और मल्लपुर समेत कई इलाकों की बिजली रात 8 बजे तक ठप रही। एक्सईएन ने बताया कि केबल फाल्ट का पता लगाने में काफी समय लग गया। इसके साथ ही कपूरथला उपकेंद्र भी ब्रेकडाउन हुआ, जिससे क्षेत्र में दो घंटे बिजली बाधित रही।
गोकुल विहार कॉलोनी, खरगापुर में शाम 6 बजे ट्रांसफार्मर खराब हो गया। इस कारण देर रात तक बिजली सप्लाई नहीं बहाल हो सकी। स्थानीय लोगों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ी। रायबरेली रोड स्थित रॉयल लेक व्यू अपार्टमेंट में ट्रांसफार्मर से करंट की समस्या से नाराज़ पड़ोसी ने गुरुवार शाम ट्रांसफार्मर के फ्यूज तोड़ डाले।
इससे 52 फ्लैटों की बिजली 48 घंटे तक बंद रही। शनिवार को जब अपार्टमेंट के लोगों ने लेसा अधिकारियों को बुलाया, तो नाराज़ पड़ोसी ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस और लेसा की टीम मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराया। जेई सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग के लिए एस्टीमेट तैयार किया गया है, लेकिन कोई भी पक्ष भुगतान को तैयार नहीं है।
बिजली संकट ने खोली व्यवस्थाओं की पोल
लगातार हो रहे फाल्ट और लेसा की लापरवाही ने लखनऊ की बिजली व्यवस्था की पोल खोल दी है। टोल फ्री नंबर पर सुनवाई नहीं, अधिकारी फोन नहीं उठा रहे और फॉल्ट्स का समाधान घंटों तक नहीं हो पा रहा है। जनता को मजबूरी में जनरेटर और इनवर्टर के भरोसे रहना पड़ रहा है, जिससे हजारों रुपये का अतिरिक्त खर्च हो रहा है।
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