संभल: हाईवे किनारे बनी 12 दुकानों को बुलडोलर ने किया ध्वस्त
संभल, अमृत विचार। संभल के चौधरी सराय में स्टेट हाईवे के किनारे सड़क की जमीन पर बनी 12 दुकानों को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। दुकानदारों ने किसी तरह अपना सामान दुकानों से बाहर निकाला। कई बुलडोजर एक साथ काम पर लगे तो जहां बाजार था वहां कुछ देर बाद ही मलबे का ढेर नजर आने लगा। दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान पांच थानों का पुलिस बल व पीएसी तैनात की गई थी।
संभल शहर के चौधरी सराय में बदायूं बिजनौर स्टेट हाइवे के किनारे मुसाफिर खाने से सटी 12 दुकानों को लेकर राजस्व विभाग की कार्रवाई पिछले काफी दिनों से चल रही थी। दरअसल शिकायत की गई थी कि 12 पूरा मार्केट सड़क की जमीन पर बना है। राजस्व विभाग ने अपने अभिलेख खंगाले तो दुकानों का निर्माण सड़क के नाम दर्ज जमीन पर किये जाने की बात सही पाई गई। इसके बाद तहसीलदार न्यायालय की और से दुकानों के किरायेदारों व मालिकों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। दुकानदारों ने अपना पक्ष नहीं रखा तो तीन दिन पहले तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह की मौजूदगी में राजस्व टीम ने दुकानों पर ध्वस्तीकरण कार्रवाई के लिए लाल निशान लगा दिये थे।
बुधवार को पुलिस प्रशासनिक अमला बुलडोजर लेकर दुकानों को तोड़ने के लिए पहुंच गया। पहले एक बुलडोजर ने दुकानों को तोड़ना शुरू किया फिर कुछ देर में दूसरा बुलडोजर आ गया। इसके बाद एक और बुलडोजर बुलाकर दुकानों को तोड़ने के काम में लगा दिया गया। महज एक घंटे में 12 दुकानें तोड़ दी गईं। जहां दुकानें थीं वहां सपाट जमीन पर मलबा बिखरा नजर आ रहा था।
बुलडोजर देख दुकानदारों को आया पसीना,सामान समेटा
तीन दिन पहले तहसीलदार ने दुकानों पर लाल निशान लगवाए थे तब दुकानदारों से साफ कह दिया गया था कि अब किसी भी वक्त दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई प्रशासन कर सकता है इसलिए सभी लोग अपना सामान निकालकर दुकानों को खाली कर दें।प्रशासन ने चेतावनी दी लेकिन दुकानदारों को यह उम्मीद नहीं थी कि वास्तव में ही इतनी जल्दी बुलडोजर उनकी दुकानों को तोड़ने के लिए आ जायेगा। बुधवार को बुलडोजर ने पहुंचकर एक दुकान को तोड़ना शुरू किया तो दुकानदारों को लगा कि उनका सामान भी मलबे में दब जायेगा। इसके बाद दुकानदारों ने अपने परिवार के लोगों को परिचितों को बुलाया और फिर सभी मिलकर दुकानों से सामान सुरक्षित निकालने में जुट गए। प्रशासन ने भी उन्हें सामान निकालने के लिए कुछ समय दिया। दुकानदारों ने पहले अपना सामान सड़क पर रखा और फिर वाहनों में लादकर ले गए।
दुकानें टूटती देख बहने लगे आंखों से आंसू
12 दुकानों का निर्माण काफी साल पहले कराया गया था। सभी दुकानें किराये पर उठी थीं और उन दुकानों में बाइक,कार,ट्रक मरम्मत व स्पेयर बेचने जैसे कारोबार किये जा रहे थे। खुद को सड़क पर आया देख कई दुकानदारों की आंख से आंसू छलकने लगे। दुकानदारों का कहना था कि उन्हें नहीं पता कि किस जमीन पर दुकानों का निर्माण किया गया था। वह तो सालों से यहां दुकान कर रहे थे और इसी से उनका परिवार चलता था। अब समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे कैसे परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करेंगे।
माफियाओं के इरादे न हों कामयाब
कई दुकानदार कह रहे थे कि उनकी रोजी रोटी का जरिया दुकान टूटने से छिन गया लेकिन दुकानें टूटने के बाद कहीं माफियाओं के इरादे कामयाब हुए तो उन्हें ज्यादा तकलीफ होगी। दुकानदारों का कहना है कि सरकारी जमीन है तो इसे अब सरकार अपने इस्तेमाल में ले,उन्हें कोई दिक्कत नहीं।
भारी पुलिस बल रहा तैनात
प्रशासन ने दुकानों को बुलडोजर से तोड़ने की कार्रवाई शुरू की तो शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। कोतवाली के पुलिस बल के साथ ही हयातनगर,हजरत नगर गढ़ी व रायसत्ती सहित कई थानों का पुलिस बल व पीएसी जवानों को ड्यूटी पर लगाया गया था। वहां बाहरी भीड़ को भी नहीं जुटने दिया गया।
