विभाजन विभीषिका : छह लाख मौतें, करोड़ों बेघर - कमलावती सिंह"
बाराबंकी, अमृत विचार : कोऑपरेटिव सभागार में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस संगोष्ठी और प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष तथा महिला कल्याण निगम की अध्यक्ष कमलावती सिंह ने 14 अगस्त 1947 को भारतीय इतिहास का “सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन” करार दिया। उन्होंने कहा कि विभाजन के कारण करोड़ों लोगों ने विस्थापन झेला और लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठे।
कमलावती सिंह ने कहा, “विभाजन ने हमारे समाज को जो जख्म दिए, उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। करीब 6 लाख लोग मारे गए और डेढ़ करोड़ से अधिक लोग शरणार्थी हुए। प्रधानमंत्री के विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के निर्णय से युवा पीढ़ी को उस त्रासदी की वास्तविकता से अवगत कराने का अवसर मिलेगा।’’
कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर देश को टुकड़ों में बाँटने में भूमिका निभाई और आज भी ऐसी नीतियाँ अपनाई जा रही हैं जो समाज में विभाजन पैदा करती हैं। कमलावती ने राष्ट्रवाद के संदेश देते हुए राष्ट्रीय एकता और इतिहास के प्रति जागरूकता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम के दौरान विभाजन विभीषिका से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। प्रदर्शनी में विभाजन के ऐतिहासिक दस्तावेज़, तस्वीरें और पीड़ितों की गाथाएँ प्रदर्शित थीं, जिन्हें लोगों ने रुचि से देखा। प्रदर्शनी का मुख्य अतिथि ने विस्तार से देखा और आयोजकों को प्रशंसा दी।
अवसर पर एक मौन जुलूस निकाला गया, जो डॉ. आंबेडकर पार्क पहुँचा और वहाँ बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर संपन्न हुआ। जुलूस में शामिल लोगों ने शांतिपूर्ण रूप से उस दर्दनाक ऐतिहासिक घटना को श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, एससी-एसटी आयोग अध्यक्ष बैजनाथ रावत, पूर्व सांसद उपेन्द्र सिंह रावत, पूर्व विधायक शरद अवस्थी, पूर्व MLC हरगोविंद सिंह, सहित अनेक स्थानीय नेता व समाजसेवी उपस्थित रहे। अन्य उपस्थित नामों में रामकुमारी मौर्य, संतोष सिंह, अवधेश श्रीवास्तव, गुरु शरण लोधी, संदीप गुप्ता, विजय आनंद बाजपेई, नवीन राठौर, शीलरत्न मिहिर, रचना श्रीवास्तव, प्रमोद तिवारी, रामेश्वरी त्रिवेदी, नीता अवस्थी, आशुतोष अवस्थी आदि शामिल थे।
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