श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव कल: इस्कान मंदिर में धूमधाम से मनेगा महामहोत्सव, जानिए पूजा मुहूर्त से लेकर सामग्री, विधि

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचारः भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव 16 को शनिवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि काशी के ऋषिकेश और महावीर पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 15 की रात्रि 12:58 बजे से होगी और समापन 16 अगस्त रात्रि 10:30 बजे होगा। 

इसी दिन दोपहर 1:39 बजे चंद्रमा वृषभ राशि में प्रवेश करेगा, जो व्रत व पूजन के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए जन्माष्टमी व्रत 16 को रखना उत्तम रहेगा। जो श्रद्धालु रोहिणी नक्षत्र योग में व्रत करना चाहते हैं वे 17 अगस्त को व्रत रखेंगे। इसी दिन गोकुल अष्टमी और नंदोत्सव भी धूमधाम से मनाए जाएंगे। मध्यरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त रात 12:00 से 12:43 बजे तक रहेगा। मान्यता है कि इस व्रत को करने से मनुष्य को आयु, यश, पुत्र-पौत्र, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से लड्डू गोपाल की सेवा करने से संतान सुख का भी आशीर्वाद मिलता है।

5 लाख से अधिक कृष्ण भक्त करेंगे अभिषेक

सुशांत गोल्फ सिटी स्थित राधा रमण बिहारी मंदिर (इस्कान) में 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि पिछले वर्ष मंदिर में ढाई लाख लोग आए थे, इस वर्ष संख्या दोगुनी होने की संभावना है। सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन से मदद मांगी गई है।
श्रीकृष्ण के लिए वृन्दावन से जरी और मणियों से बनी पोशाक मंगाई गई है।

भक्तों की संख्या ज्यादा होने की वजह से महाअभिषेक गर्भगृह के बजाय पंडाल में किया जाएगा। दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक दूध, दही, शहद और फलों के रस से अभिषेक किया जाएगा। ठाकुर जी को 56 भोग लगाया जाएगा। 17 अगस्त को नन्द उत्सव मनाया जाएगा। स्कूली बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

प्रेस कांफ्रेंस में मन्दिर निर्माण कमेटी के चेयरमैन आनंद स्वरूप अग्रवाल, कमेटी के सदस्य श्रीलाल गुप्ता, अलोक चंद्रा, फेस्टिवल कमेटी के वाइस चेयरमैन लाल बहादुर यादव, वाइस प्रेसीडेंट भोक्ताराम, मधुस्मिता, दीनदयाल और रवि मालिक मौजूद रहे।

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