विजन 2047 को लेकर काफी अहम साबित हो सकते हैं विपक्षी दलों के सुझाव, मानसून सत्र में कई दलीय नेताओं ने दिखाई लोकतांत्रिक ईमानदारी
लखनऊ, अमृत विचार: राज्य विधानसभा में भविष्य के उत्तर प्रदेश पर की गई 24 घंटे की विशेष चर्चा सही मायने में एक लंबे वक्त के बाद स्वस्थ परंपरा की नयी शुरुआत है। एक वक्त था जबकि जनहित में स्वस्थ चर्चाएं आनन-फानन में निपटीं विधायी कार्यवाही और सदन की अल्प समयावधि की भेंट नहीं चढ़तीं थीं। इस बार मानसून सत्र के दौरान जिस तरह विजन डॉक्यूमेंट 2047 को पेश करने से पूर्व चर्चा की गई उसे एक अर्से बाद बनी नजीर ही कहेंगे।
हालांकि राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के विकास की तस्वीर विजन डॉक्यूमेंट के माध्यम से दिखायी गई लेकिन विपक्ष की ओर से भी मिले साकारात्मक सुझाव एक स्वस्थ परंपरा और लोकतांत्रिक इमानदारी संकेत हैं। उदाहरण के तौर पर कांग्रेस विधानमंडल की नेता अराधना मिश्र मोना और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने 24 घंटे चर्चा को भी कम बताया और इस समयावधि को बढ़ाने की सलाह दी। वैसे, सत्तापक्ष और विपक्ष ने इस विषय पर भी एक दूसरे को नीचा दिखाने में कसर न रखी।
बहरहाल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस चर्चा से पहले अपना तर्क रखा कि महत्वपूर्ण विषय यह है कि भविष्य के लिए सोचकर दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जानी चाहिए। कभी-कभी शॉर्ट टर्म योजनाएं बनाई जाती हैं जिसका तत्कालिक लाभ तो होता है लेकिन उसका दीर्घकालीन लाभ नहीं मिलता। सपा नेता शिवपाल यादव ने विजन डॉक्यूमेंट पर सरकार को सुझाव दिया कि स्कूलों को अपग्रेड करने के साथ वहां शिक्षकों, किताबों, ड्रेस, बिजली की भी सुनिश्चतता होनी चाहिए।
चर्चा के दौरान पूर्व सपा विधायक पूजा पाल ने अपनी लंबित शिकायतों के समाधान और अतीक अहमद जैसे माफिया तत्वों के खिलाफ कार्रवाई का हवाला देते हुए अपराध के प्रति मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के लिए उनका धन्यवाद किया। उनका भी सुझाव रहा कि अपराध को लेकर आगे भी यही नीति सख्ती से लागू रहे। सपा के ही सदस्य मोहम्मद जियाउद्दीन रिज़वी ने कहा हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ईमानदार हैं कर्मठ है लेकिन अधिकारी किसी की सुनने ही नहीं है। दरअसल, स्थानीय व्यवस्था के खिलाफ मंत्रियों के धरना देने और सत्तासीन पार्टी के नेताओं की शिकायतों का सज्ञान लेते हुए उन्होंने सरकार को कार्रवाई करने का सुझाव दिया।
विजन डॉक्यूमेंट पर विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि वैज्ञानिक सोच से देश आगे बढ़ेगा। आखिरी व्यक्ति तक विकास पहुंचना जरूरी है। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि यूपी को विकसित बनाने के लिए 20 साल इंतजार क्यों करें। अगर मंत्री अपनी जिम्मेदारियां निभाएं तो विकास अभी संभव है। उन्होंने नदियों को जोड़ने, नहरों को पक्का करने, हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने और स्टेट हाईवे को अपने संसाधनों से फोरलेन बनाने का सुझाव दिया।
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