अखिलेश यादव के दावे पर बाराबंकी के जिलाधिकारी का करारा जवाब, आरोपों को बताया झूठा, वोट कटने की बात निकली गलत
बाराबंकी, अमृत विचारः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कुर्सी विधानसभा सीट पर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटे जाने का दावा हकीकत में गलत साबित हुआ। अखिलेश ने एक्स पर रसीदें साझा करते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग उनकी ओर से दिए गए शपथपत्रों को मान्य नहीं कर रहा है।
इस पर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट किया कि विधान सभा क्षेत्र 266-कुर्सी के दो मतदाताओं के शपथपत्र जरूर प्राप्त हुए थे, लेकिन जांच में दोनों मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज पाए गए। यानी मतदाता सूची से नाम काटे जाने की बात निराधार है।
अखिलेश यादव ने पहले चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर शपथपत्र ही नहीं मिले तो आयोग ने रिसीविंग कैसे जारी की। मामला तूल पकड़ने पर बाराबंकी जिलाधिकारी ने जांच कर स्थिति साफ की और अखिलेश के आरोपों को बेबुनियाद बता दिया।
दरअसल अखिलेश यादव ने बाराबंकी की कुर्सी विधानसभा सीट को लेकर एक्स पर लिखा था कि जो चुनाव आयोग ये कह रहा है कि हमें यूपी में समाजवादी पार्टी द्वारा दिये गये एफिडेविट नहीं मिले हैं, वो हमारे शपथपत्रों की प्राप्ति के प्रमाण स्वरूप दी गयी अपने कार्यालय की पावती को देख ले। इस बार हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग शपथपत्र दे कि ये जो डिजिटल रसीद हमको भेजी गई है वो सही है, नहीं तो ‘चुनाव आयोग’ के साथ-साथ ‘डिजिटल इंडिया’ भी शक के घेरे में आ जाएगा। उन्होंने कुछ रसीदें भी शेयर की। जिसपर बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने जवाब देकर उनके दावों को गलत बता दिया।
