कानपुर: 129 निर्यातकों में 30 फीसदी का कारोबार रुका, पिछड़े वित्तीय वर्ष में शुरू किया था अमेरिका के खरीदारों से व्यापार

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Published By Deepak Mishra
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टैरिफ के ऐलान के बाद अब नहीं मिल रहे ऑर्डर, नए बाजार की तलाश

कानपुर, अमृत विचार। टैरिफ के असर से शहर के नए 129 निर्यातकों में लगभग 30 फीसदी का निर्यात रुक गया है। यह वे निर्यातक है जो पिछले वित्तीय वर्ष ही निर्यात कारोबार से जुड़े थे। कारोबार से जुड़ने के बाद इन लोगों ने अमेरिका जैसे बड़े बाजार के खरीदारों के साथ जुड़कर अपना कारोबार शुरू किया था। अब हालात यह है कि टैरिफ के टेरर से खरीदारों ने इन निर्यातकों से उत्पाद खरीदने पर रोक लगा दी है। 

शहर में पिछले वित्तीय वर्ष एक ही दिन में 129 युवा निर्यातकों को फ्लोर पर लाया गया था। एक्सपोर्ट सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञ इन युवा निर्यातकों से निर्यात बाजार के माध्यम से शहर के निर्धारित लक्ष्य में योगदान देने की उम्मींद लगा रहे थे। यह निर्धारित लक्ष्य 12 हजार करोड़ रुपये का था। इस बीच इन निर्यातकों में से ज्यादातर ने अमेरिका के बड़े बाजारों की ओर रुख किया। 

शहर के पारंपरिक उत्पादों से अलग युवा निर्यातकों ने गैर पारंपरिक लक्ष्य या फिर विदेशी बाजार की मांग के अनुसार कारोबार शुरू किया। इनमें होम डेक्योर, हैंडीक्राफ्ट, गिफ्ट आइटम, माटी के उत्पादों सहित अन्य प्रोडक्ट शामिल रहे। हालात यह हुए कि टैरिफ के बाद इन निर्यातकों को ऑर्डर मिलना बंद हो गए। फिलहाल निर्यातको के पुराने ऑर्डर भी होल्ड पर है। 

युवा निर्यातक अब अमेरिका के अलावा दूसरे बाजारों की ओर से रुख करने की योजना बना रहे हैं। पूरे मामले पर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑग्रनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि नए निर्यातकों के सामने बड़ा चैंलेंज आकर खड़ा हो गया है। खासतौर पर ऐसे निर्यातक जो अमेरिका के खरीदारों के साथ जुड़े हुए थे उन्हें काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। इन निर्यातकों के लिए प्रयास किया जा रहा है। नए निर्यातकों के लिए नया वैश्विक बाजार भी तलाशा जा रहा है। 

नए सिरे से शुरू कारोबार

युवा निर्यातकों ने हाल ही में निर्यात कारोबार से जुड़े ऑर्डर पर सप्लाई देनी शुरू की थी। अब नई परिस्थितियों में बाजार में न टिक पाने की वजह से इन लोगों को नए सिरे से दूसरे खरीदारों के साथ कारोबार शुरू करना पड़ेगा। निर्यात विशेषज्ञों की माना जाए तो टैरिफ के बाद से बदले वैश्विक बाजार में इन निर्यातकों को ‘गुडविल’ संबंधी परेशानियों का सामना भी करना होगा। 

5 सौ करोड़ का लक्ष्य प्रभावित

शहर में इन युवा निर्यातकों का योगदान कुल कारोबार में लगभग 5 सौ करोड़ रुपये के आस-पास आंका गया था। ऐसे में शहर के निर्यात लक्ष्य 12 हजार करोड़ रुपये में इनका योगदान पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। माना यह जा रहा है कि इन निर्यातकों को दोबारा वैश्विक बाजार में आने के लिए लगभग 6 महीने का और अधिक समय लग सकता है। 

  1. 12 हजार करोड़ के सालाना लक्ष्य में सहयोगी
  2. 5 सौ करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य बाधित
  3. 6 महीने और अधिक निर्यात कारोबार प्रभावित
  4. 10 फीसदी कम में बना रहे थे अपना निर्यात बाजार

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