UP Dental Show: लंबे समय तक मजबूत रखते हैं दांत तो अभी से शुरू कर दें ये एक्सरसाइज, मानें विशेषज्ञों की बात

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : समय के साथ बच्चों के दांत और मसूड़े कमजोर हो रहे है। दरअसल, पहले के दौर में बच्चे चना, मोटा अनाज और गन्ना छीलकर खाया करते थे। जिससे मसूड़ों की एक्सरसाइज हो जाया करती थी। अब इसकी जगह चाऊमीन, बर्गर, माेमोज और पिज्जा आदि ले ली है। जिसकी वजह से बच्चों को खाना ज्यादा चबाना नहीं पड़ रहा है, ऐसे में दांत और मसूड़ों की एक्सरसाइज नहीं हो पा रही है, इसके अलावा दांतों में प्रोटीन, कैल्शियम और मिनरल्स की भी कमी हो रही है, जिससे मसूड़े कमजोर होने से दांतों की पकड़ ढीली हो रही है। यह जानकारी यूपी डेंटल शो 2025 में पीडियाट्रिक डेंटिस्ट डॉ. राकेश कुमार चक ने साझा की उन्होंने भोजन में मोटा अनाज शामिल करने पर। गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे दो दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस का रविवार को समापन कर दिया गया। इसमें देश विदेश से 1500 से अधिक डेंटल सर्जन शामिल हुए।

30-40 फीसद में आरसीटी करनी पड़ रही

डॉ. संजीव श्रीवास्तव, प्रेसिडेंट, यूपी डेंटल काउंसिल ने बताया कि आजकल युवाओं के दांतो में कीड़ा लगने की ज्यादा समस्या आ रही है। इसकी वजह अनियमित जीवनशैली है। युवा रिफाइंड फूड ज्यादा खा रहे है, फाइबर की मात्रा कम रहती है। जिससे किटाणु दांतों के ऊपर जमा होकर एसिड फैलाकर दांतों को गला देते हैं। लापरवाही से कैविटी नसों तक फैल जाती है। जिसकी वजह से कम उम्र में आरसीटी कराने की जरुरत पड़ जाती है। यह समस्या 60 फीसद युवाओं के दांतों में कीड़ा लगने की समस्या हो जाती है। जिसमें 30-40 फीसद में यह आरसीटी में कन्वर्ट हो जाती है। जिसकी वजह से आसपास के दांत भी आगे चलकर कमजोर होने लगते है। ऐसे में समय से पहले दांत गिरने की समस्या बढ़ जाती है।

पायरिया व कीड़ा की समस्या बढ़ रही

डॉ. आशीष खरे, चीफ कोआर्डिनेटर, यूपी डेंटल शो ने बताया कि कामकाजी युवा अपने डेंटल हायजीन पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिसकी वजह से पायरिया और कीड़ा लगने की समस्या बढ़ रही है। दांतों में कोई ब्लैक स्पॉट या मसूड़ों से खून आ रहा है तो बिना देर किए डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए, जिससे समय पर इलाज शुरू कर समस्या से निजात दिलाई जा सके। इससे बसाहव के लिए खानपान का ध्यान रखें, दिन में दो बार ब्रश करें, समय-समय पर डेंटल चेकअप बेहद जरूरी है। आजकल कई एडवांस तकनीक आ गई है, जिससे इलाज काफी आसान हो गया है। इसमें डिजीटल डेंटिस्ट्री, इंप्लांट डेंटिस्ट्री और लेजर व माइक्रोस्कापिक आदि बेहद ही एडवांस्ड तकनीक है।

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