माचिस फैक्ट्री विमको को जारी 41 साल पुराना सल्फर लाइसेंस निरस्त
राकेश शर्मा, बरेली। दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना की ''अमर प्रेम'' फिल्म में चमकने वाली विमको माचिस की फैक्ट्री का 12 साल पहले इंपीरियल टोबैको कंपनी (आईटीसी लिमिटेड) में विलय होने के बाद अब सल्फर लाइसेंस भी निरस्त हो गया। डीएम ने 2014 से नवीनीकरण नहीं होने पर नोटिस भेजा था। जवाब में आईटीसी ने सल्फर लाइसेंस की जरूरत नहीं होने की बात कही। इस पर डीएम अविनाश सिंह ने करीब 41 साल पहले जारी हुआ सल्फर लाइसेंस निरस्त कर दिया।
जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि सीबीगंज की विमको लिमिटेड ने अपने सल्फर लाइसेंस को 31 दिसंबर 2014 के बाद अग्रिम अवधि के लिए नवीनीकरण कराने को कोई आवेदन नहीं किया। इस पर 6 जून को नोटिस जारी करके लाइसेंसी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने को निर्देशित किया था। विमको लिमिटेड ने 24 जून को पत्र भेजकर नोटिस के परिप्रेक्ष्य में जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। इस पर जवाब दाखिल करने को पर्याप्त समय प्रदान किया।
विमको ने 30 जुलाई को पत्र भेजकर बताया कि विमको का आईटीसी लिमिटेड (इंपीरियल टोबैको कंपनी) में विलय हो गया। आईटीसी लिमिटेड 1 अप्रैल 2013 से विमको लिमिटेड के कारखाने का मालिक बन गया। विमको ने यह भी बताया कि जनवरी, 2015 से सीबीगंज इकाई में कोई विनिर्माण कार्य नहीं हो रहा, इसलिए 11 मार्च 1984 को दिये गये लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। डीएम ने बताया कि सल्फर लाइसेंसी के प्रस्तुत पत्र के आलोक में विमको के नाम जारी सल्फर लाइसेंस निरस्त कर दिया गया।
भविष्य में भी संचालन की गुंजाइश समाप्त
आईटीसी लिमिटेड केपत्र से यह स्पष्ट हो गया कि विमको का भविष्य में भी संचालन नहीं होगा। इस इकाई की स्थापना अंग्रेजों के समय वर्ष 1929 में हुई थी। फैक्ट्री में जनवरी 2015 तक 663 कर्मचारी कार्यरत थे। इन सभी कर्मचारियों को 2015 में ही वीआरएस दिया गया था। सैकड़ों बीघा में फैक्ट्री का क्षेत्रफल फैला हुआ है।
