रामपुर शहर इमाम मुफ्ती महबूब अली का अमेरिका में निधन

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Published By Pradeep Kumar
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शुक्रवार को शहर इमाम का जनाजा आएगा रामपुर

रामपुर, अमृत विचार: शहर इमाम मौलाना मुफ्ती महबूब अली का बुधवार सुबह अमेरिका के डेलास शहर में ब्रेन हेमरेज के चलते निधन हो गया। वो 95 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर सुनकर शहर में शोक की लहर दौड़ गई। तीन दिन बाद शुक्रवार को उनका जनाजा रामपुर आएगा।

शहर इमाम के बेटे डॉ. जफर अली अंजुम वजीही का बुधवार की सुबह फोन आया कि शहर इमाम का इंतकाल हो गया है। शहर के लोग उनके घर की ओर दौड़ पड़े लेकिन, बंद था। डॉ. शायर उल्लाह खां ने बताया कि शहर इमाम 5 अगस्त को अपने पोते कारी सबीह अंजुम की शादी में शामिल होने अमेरिका गए थे। बुधवार को ब्रेन हेमरेज के चलते निधन हो गया। उन्होंने बताया कि मुफ्ती महबूब अली का जन्म जून 1930 में शहर के मोहल्ला अंगूरी बाग स्थित हाफिज अमजद अली के घर हुआ था। उन्होंने मदरसा अनवारुल उलूम में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और कुरआन मजीद हिफ्ज किया। 1955 में मदरसा आलिया से तालीम से फारिग हुए।

1948 से 1954 तक खतीब-ए-आजम मौलाना शाह वजीहुद्दीन अहमद खां कादरी मुजद्ददी के मार्गदर्शन में अरबी की शिक्षा पूरी की। 1955 में ही मदरसा जामे उल उलूम फुरकानिया में शिक्षक बने और तरक्की करते हुए प्रिंसिपल बने। 1998 में मदरसा बोर्ड की नौकरी से सेवानिवृत्त हुए, लेकिन शिक्षण सेवाएं देते रहे। 1959 में खतीब-ए-आजम ने उन्हें जामा मस्जिद का इमाम नियुक्त किया। 1960 में मुफ्ती ए शहर और मुफ्ती फुरकानिया के पदों पर नियुक्त किया। 65 वर्ष की आयु तक लगातार शिक्षण और फतवा जारी करने की सेवाएं देते रहे। इल्म-ए-हदीस की मशहूर किताब मिश्कात शरीफ की उर्दू व्याख्या आठ खंडों में लिखी जो मदरसा फुरकानिया से छपी है। शुक्रवार तक जनाजा रामपुर आने का कयास लगाया जा रहा है। उनके परिवार में तीन बेटे मसूद अली, डॉ. जफर अली अंजुम, फैज अली इरफान और तीन बेटियां हैं।

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