सालाना 8 करोड़ का कारोबार करने वाला बाजार कल से होगा बंद

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। नैनीताल हाईवे स्थित न्यू मॉडल कॉलोनी क्षेत्र में लगने वाला करीब 50 साल पुराना बाजार एक सितंबर से बंद हो जाएगा। इज्जतनगर रेल मंडल ने बाजार को खाली कराने का आदेश जारी कर दिया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस बार बाजार के लिए तहबाजारी ठेके का नवीनीकरण नहीं किया गया। रेलवे जल्द ही इस भूमि को पूरी तरह खाली कराकर रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंप दिया जाएगा।

न्यू मॉडल कॉलोनी का बाजार आज भले ही हजारों परिवार के जीवन से जुड़ा हो, लेकिन इसकी शुरुआत महज दो दुकानों से हुई थी। रेलवे ने 1975-76 में यहां रेल कर्मचारियों की सुविधा के लिए कैंटीननुमा दो दुकानें बनवाई थीं। धीरे-धीरे दुकानों की संख्या बढ़ती गई और फिर रेलवे ने तहबाजारी प्रणाली शुरू कर दी। बाजार का ठेका नीलामी के माध्यम से दिया जाने लगा। वर्तमान में यहां लगभग 250 दुकानें हैं। इनमें से करीब 175-200 दुकानें रोजाना खुलती हैं।

रेलवे ने पिछले वर्ष इन दुकानों का ठेका 45 लाख रुपये सालाना की तहबाजारी पर दिया था। ठेकेदार प्रतिदिन दुकानदारों से सौ रुपये बतौर शुल्क लेता है। ठेका बीते 27 अगस्त को समाप्त हो गया है और इस बार इसे नवीनीकृत नहीं किया गया। करीब एक हजार से अधिक परिवारों का भरण-पोषण इसी बाजार से होता है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग खरीदारी करने आते हैं। बाजार में सब्जी, राशन, कॉस्मेटिक, जूता-चप्पल, कपड़े और चिकन समेत हर जरूरत का सामान मिलता है। यानी लगभग हर वर्ग के लिए यह बाजार जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है।

अनुमान है कि बाजार से हर साल 6 से 8 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। रेलवे ने साफ किया है कि अब यह जमीन व्यावसायिक विकास के लिए इस्तेमाल होगी। आरएलडीए को जमीन सौंपे जाने के बाद यहां आधुनिक कॉम्प्लेक्स या शॉपिंग मॉल बनाने का प्रस्ताव है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, देशभर में रेलवे की महत्त्वपूर्ण जमीन का व्यावसायिक उपयोग बढ़ाने की योजना पर काम किया जा रहा है और न्यू मॉडल कॉलोनी भी उसी कड़ी का हिस्सा है।

एक सितंबर तक दुकाने खाली करने का मिला निर्देश
ठेकेदार असलम का कहना है की रेलवे प्रशासन की ओर से एक सितंबर तक बाजार खाली करने के निर्देश मिले हैं। आदेश के बाद रेल मंडल प्रशासन ने बाजार खाली कराने की तैयारी शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि एक सप्ताह में पूरा क्षेत्र खाली कराकर आरएलडीए को हैंडओवर किया जाएगा।

क्या बोले स्थानीय दुकानदार
-सब्जी विक्रेता विक्की मौर्य ने कहा कि हम सालों से यहां दुकान लगाकर परिवार चला रहे हैं। अभी दिल्ली में परिवार के सदस्य का इलाज भी इसी दुकान के सहारे चल रहा है।

कपड़े की दुकान चलाने वाले युनूस ने बताया कि अचानक नोटिस दिया गया है। हमारी दुकानदारी सालों पुरानी है। अगर बाजार बंद हुआ तो हमारा परिवार सड़क पर आ जाएगा।
गुड्डू ने कहा कि रेलवे को विकास करना है तो करे, लेकिन छोटे व्यापारियों को वैकल्पिक जगह दी जानी चाहिए। अचानक रोजी-रोटी की व्यवस्था करना बड़ी समस्या है।
कुसुम का कहना है कि मेरे पति का निधन हुए पांच साल हो गए, बच्चों को पालने के लिए दुकान ही सहारा है। एक सिंतबर तक दुकान खाली करनी है, ऐसे में परिवार कैसे चलेगा।
छेदा लाल ने कहा कि 34 साल से दुकान लगा रहे हैं। बाजार बंद होने से हमारे परिवार के जीविकोपार्जन की व्यवस्था थम जाएगी। अभी बेटी की शादी भी करनी है।

पप्पी बताती हैं कि पति के देहांत के बाद सब्जी की दुकान से ही घर चलता है। अब एकाएक कहां कैसे इंतजाम करेंगे। रेल अधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।

फैक्ट फाइल
कुल दुकानें : लगभग 245 (175 दुकानें नियमित खुलतीं)
सब्जी की दुकानें : 100
राशन की दुकानें : 50

कॉस्मेटिक की दुकानें: 25
रेडीमेड कपड़े की दुकानें : 50

जूता-चप्पल की दुकानें : 10
चिकन की दुकानें : 10

 

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