प्रयागराज : पुरुष जिम प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर हाईकोर्ट सख्त

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Published By Virendra Pandey
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प्रयागराज,अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुरुष जिम प्रशिक्षकों द्वारा महिला ग्राहकों को बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के प्रशिक्षण देने पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि आज भी महिलाओं को पुरुष प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लेते समय उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकलपीठ ने माधवपुरम, प्रेम विहार, मेरठ के “फिट एंड लिफ्ट” जिम के संचालक और ट्रेनर नितिन सैनी की आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए की। 

मामले के अनुसार 29 अप्रैल 2024 की शाम को आरोपी ने जिम में व्यायाम कर रही महिला ग्राहक को जातिसूचक अपशब्द कहे और उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उसे जिम से धक्का देकर बाहर निकाल दिया। महिला ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत दिए अपने बयान में यह भी कहा कि ट्रेनर ने उसकी सहेली का अश्लील वीडियो बनाकर उसे पिछले छह–सात महीनों से आपत्तिजनक सामग्री भेजी है। इन गंभीर आरोपों के आधार पर आरोपी पर एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) और आईपीसी की धाराओं 354 व 504 सहित अन्य प्रावधानों के तहत पुलिस स्टेशन ब्रह्मपुरी में मुकदमा दर्ज किया गया है।

कोर्ट ने कहा कि ऐसे कृत्य न केवल महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा पर आघात हैं, बल्कि समाज में गंभीर अपराधों का खतरा भी बढ़ाते हैं। कोर्ट ने सनी के दौरान जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट करें कि संबंधित जिम विधिवत पंजीकृत है या नहीं। आरोपी को गिरफ्तार किया गया है या नहीं और क्या जिम में महिला प्रशिक्षक नियुक्त हैं। मामले की अगली सुनवाई आगामी 8 सितंबर 2025 को होगी।

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