मोदी सरकार का फैसला : GST कम, अब होंगे सिर्फ दो टैक्स स्लैब, जानें कब से लागू होगा ये फैसला

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Published By Virendra Pandey
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नई दिल्ली, अमृत विचार। मोदी सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में यह फैसला हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है। वित्त मंत्री ने कहा है कि जीएसटी के अब सिर्फ दो ही स्लैब कर दिये गये हैं। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हमारा फोकस आम आदमी है, यही वजह है जीएसटी की बैठक में इस तरह के फैसले लिये गये हैं। उन्होंने बताया है कि रोजमर्रा के उपयोग वाले सामानों पर जीएसटी दरों में कटौती की गयी है।

दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 56 वीं बैठक के बाद बताया कि अब दो मुख्य स्लैब पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत के होंगे। इसके अलावा कुछ वस्तुओं पर शून्य कर और कुछ पर 40 प्रतिशत कर भी होंगे। ये कर सुधार 22 सितंबर से लागू हो जायेंगे।

उन्होंने बताया कि बैठक में कर स्लैब और दरों को युक्तिसंगत बनाने के सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये। नयी व्यवस्था में अल्ट्रा हाई टेंपरेचर दूध, छेना, पनीर, चपाती रोटी पराठा आदि पर कोई कर नहीं लगेगा। तैंतीस जीवन रक्षक दवाओं पर कोई कर नहीं लगेगा। नमकीन भुजिया, सॉस, पास्ता, नूडल्स, चॉकलेट, आदि पर पांच प्रतिशत कर लगेगा। बालों में लगाने के तेल, साबुन शैम्पू, टूथ ब्रश, साइकिल जैसे घरेलू सामानों पर पांच प्रतिशत कर लगेगा। छोटी कारों, टेलीविजन, फ्रीज, वाशिंग मशीन को 18 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलों, बसों, एंबुलेंस पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी है। व्यक्तिगत जीवन बीमा और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पर भी कोई कर नहीं होगा। 

पान मसाला, जर्दा, गुटखा, तंबाकू आदि पर 40 प्रतिशत की कर जारी रहेगी। जिन वस्तुओं पर उपकर लग रहा है उनकी दरों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जायेगा। इस बदलाव से करीब 48,000 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने कहा कि ये फैसले आम आदमी को ध्यान में रखकर लिये गये हैं। इन बदलावों से श्रम साध्य क्षेत्रों, किसानों तथा कृषि क्षेत्र और स्वास्थ्य क्षेत्र को ज्यादा फायदा होगा। 

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