घूसखोरी पर नकेल : एंटी करप्शन टीम ने 12 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा दारोगा
सहसवान, अमृत विचार। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई के बाद भी सुधार नहीं हो पा रहा है। काम के एवज में जरूरतमंदों से रुपये मांगे जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सहसवान कोतवाली क्षेत्र में सामने आया है। एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को 12 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। दारोगा ने वादी से जानलेवा हमले के आरोपियों को जेल भेजने के नाम पर रुपयों की मांग की थी। टीम ने दारोगा के खिलाफ कोतवाली उझानी में रिपोर्ट दर्ज कराई और दारोगा को साथ ले गए।
कोतवाली सहसवान क्षेत्र के मोहल्ला अल्लेहदादपुर धोबई निवासी दिनेश मिश्रा ने 17 जुलाई को तहरीर देकर बताया था कि उन्होंने अपने ट्रैक्टर से गांव में ही रहने वाले तीन सगे भाई वेदप्रकाश, रामकुमार और हरिबाबू के खेत की जोताई की थी। उसपर दिनेश मिश्रा के एक हजार रुपये थे। रुपये मांगने पर वह लोग टालमटोल कर रहे थे। रुपये मांगने पर उन्होंने दिनेश मिश्रा को जमकर पीटा था और जान से मारने की नीयत से चाकू से हमला किया था। दिनेश की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
हल्का नंबर पर चार पर तैनात दारोगा (वरिष्ठ उपनिरीक्षक) कमलेश सिंह विवेचना कर रहे थे। दारोगा ने दिनेश को डराया। कहा कि उन्होंने तीनों भाइयों पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है। दिनेश मिश्रा ने अधिकारियों से शिकायत की थी। आरोप है कि दारोगा ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा में धाराएं बढ़ाने और जेल भेजने के नाम पर दिनेश मिश्रा से रुपयों की मांग की। दिनेश ने कहा कि उनपर ही जानलेवा हमला हुआ है तो वह रुपये क्यों दें। वह रुपये नहीं दे पाएंगे।
दारोगा ने धमकाया तो उन्होंने परेशान होकर रुपये देने की हामी भरते हुए बरेली एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। दारोगा की कार्यशैली के बारे में बताया और संबंधित साक्ष्य भी उपलब्ध कराए। टीम ने सोमवार को जाल बिछाया। दिनेश को रुपये लेकर दारोगा के पास कोतवाली सहसवान भेजा। दिनेश ने जैसे ही दारोगा को रुपये दिए वैसे ही एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम दारोगा को गाड़ी में बैठाकर तुरंत उझानी कोतवाली ले गई। जहां रिपोर्ट दर्ज कराकर पूछताछ की। जिसके बाद टीम दारोगा को बरेली ले गई।
दिन भर चलती रही चर्चा, बिना रुपयों के नहीं होता काम
दारोगा के रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने की खबर क्षेत्र में फैल गई। सोशल साइट्स पर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। लोगों ने कहा कि पुलिस ने सहसवान कोतवाली के गेट पर दलालों का प्रवेश पूर्णत: वर्जित और पीड़ितों के खुद आकर समस्या बताने का पोस्टर टंगा है लेकिन बहुत से पुलिसकर्मी पुलिस बिना रुपये लिए काम नहीं करते। कोतवाली के बाहर आसपास दलाल प्रवृत्ति के लोग सक्रिय रहते हैं। चर्चा है कि कोतवाली आने वालों का नाम रजिस्टर पर दर्ज नहीं किया जाता। कोतवाली सीसीटीवी कैमरों यह दलाल नजर आ जाएंगे। वह दिन में कई बार कोतवाली के चक्कर लगाते हैं। पीड़ितों का काम कराने के लिए रुपये लेते हैं।
