बांदा कोर्ट ने रेप के दोषी को 58 दिन में सुनाई फांसी की सजा, जज बोले- ऐसे अपराधी को रियायत नहीं
बांदा। यूपी के बांदा जिले में एक 3 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी सुनील निषाद को फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने महज़ 58 दिन की सुनवाई के बाद फांसी की सज़ा सुनाई है और 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट के इस फैसले से बच्ची के परिवार और पूरे इलाके में न्याय की उम्मीद जगी है। एक शासकीय अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
विशेष अदालत (पॉक्सो) के शासकीय अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह परिहार ने बताया कि पॉक्सो न्यायालय के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मिश्रा की अदालत ने तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसे मरणासन्न हालत में फेंकने के आरोपी सुनील निषाद (24) को दोषी ठहराते हुए सोमवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई और उस पर 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
उन्होंने बताया कि पॉक्सो कोर्ट के जज प्रदीप कुमार मिश्रा ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे जघन्य अपराध करने वाले को कोई रियायत नहीं दी जा सकती। फैसला सुनाने के बाद उन्होंने अपनी कलम की निब तोड़ दी, जो ऐसे मामलों में न्याय की कठोरता को दर्शाता है। वहीं, दोषी सुनील निषाद ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि उसे फंसाया गया है।
उन्होंने कहा कि चिल्ला थानाक्षेत्र में तीन जून 2025 को सुनील निषाद ने तीन साल की बच्ची को अगवा कर उसके साथ बलात्कार किया था और उसे मरणासन्न हालत में जंगल में फेंक दिया था। उन्होंने बताया कि घटना के एक हफ्ते के भीतर इलाज के दौरान कानपुर की अस्पताल में बच्ची की मौत हो गई थी। परिहार ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 11 गवाह पेश किए गए थे और घटना के 58वें दिन अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
