Bareilly: रबर फैक्ट्री की 1300 एकड़ भूमि वापस लेने को सिविल सूट दाखिल
बरेली, अमृत विचार। 26 साल से बंद चल रही रबर फैक्ट्री की अरबों रुपये कीमत की करीब 1300 एकड़ भूमि पर कब्जा लेने के लिए प्रशासन ने सोमवार को सिविल कोर्ट में सिविल सूट दाखिल कर दिया। कई दिनों की तैयारी के बाद करीब 46 पेजों की फाइल तैयार की गयी। 24 हजार रुपये कोर्ट फीस जमा करने के बाद अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संतोष कुमार सिंह की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल पुरुषोतम पटेल ने सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट में रबर फैक्ट्री प्रबंधन के विरुद्ध सिविल सूट दायर किया गया है।
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन नंबर 999/2020 अलकेमिस्ट एसेट्स रिकंस्ट्रक्शन लिमिटेड बनाम मेसर्स सिंथेटिक एंड केमिकल्स लिमिटेड व अन्य के केस में राज्य सरकार पक्षकार के प्रकरण में पैरवी जारी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से 2023 में जिला प्रशासन काे राहत मिली थी। जिला प्रशासन ने शासन से दो और वकील नामित करने के साथ अलग से वाद दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।
कुछ माह पहले बॉम्बे हाईकोर्ट व डीआरटी (ऋण वसूली न्यायाधिकरण) में अलग-अलग वाद दर्ज कराने की मंजूरी शासन ने दी थी लेकिन अधिवक्ता आदित्य ठक्कर और सौभाग्य अग्रवाल ने भूमि पर कब्जा लेने के संंबंध में बरेली में ही सिविल कोर्ट में वाद दर्ज कराने का सुझाव दिया था। इसके बाद जिलाधिकारी अविनाश सिंह की ओर से सिविल कोर्ट में सिविल सूट दाखिल करने के लिए अनुमति शासन से मांगी गई। पिछले माह सिविल सूट दाखिल करने की अनुमति के साथ जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल पुरुषोतम पटेल को नामित किया गया। अपर जिलाधिकारी फाइनेंस संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सिविल कोर्ट में रबर फैक्ट्री की भूमि के संबंध में वाद दाखिल कर दिया गया है।
यह है लीज डीड
रबड़ फैक्ट्री स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 1960 के दशक में मुंबई के सेठ किलाचंद को 3.40 लाख रुपये लेकर 1382.23 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज डीड में शर्त शामिल की गई थी कि फैक्ट्री बंद होने पर सरकार जमीन वापस ले लेगी, लेकिन 15 जुलाई 1999 को फैक्ट्री बंद होने पर राज्य सरकार जमीन पर कब्जा नहीं ले पाई थी।
