स्वच्छ वायु सर्वेक्षण : मुरादाबाद की आबोहवा 60 फीसदी तक सुधरी, देश में मिला दूसरा स्थान

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Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद की वायु गुणवत्ता में 60 फीसदी सुधार होने पर नगर निगम को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में राष्ट्रीय स्तर पर देश में दूसरा स्थान मिला है। मंगलवार को नई दिल्ली के गंगा आडिटोरियम इंदिरा पर्यावरण भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने महापौर विनोद अग्रवाल और नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो और पुरस्कार के अन्तर्गत 25 लाख रुपये का चेक प्रदान कर सम्मानित किया।

नगर निगम के सतत एवं नवाचारी प्रयासों के परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2024 तक महानगर की वायु गुणवत्ता में लगभग 60 प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया है। इस उपलब्धि के आधार पर नगर निगम को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान हासिल हुआ है। प्रमाण पत्र, शील्ड एवं 25 लाख का चेक मिलने पर निगम प्रशासन ने इसे सबके सहयोग का प्रतिफल बताया।

भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इंदिरा भवन नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने पुरस्कार प्रदान किया। नगर आयुक्त ने कहा कि यह पुरस्कार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह व महापौर व नगर निगम की जनता के प्रति समर्पित है।

वायु प्रदूषण कम करने की हुई यह प्रमुख पहल
कभी कचरे के ढेर, दुर्गंध और खराब वायु गुणवत्ता के लिए पहचाने जाने वाले महानगर में सटीक योजना, आधुनिक तकनीक और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, हरित विकास और प्रदूषण नियंत्रण का एक सतत मॉडल तैयार किया है।

1: गौतम बुद्ध अपशिष्ट प्रबन्धन केंद्र: भारत का पहला अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र

भारत का पहला अपशिष्ट प्रबन्धन केंद्र मुरादाबाद में गौतम बुद्ध पार्क (1200 वर्गमीटर) क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इस का भव्य 6 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। नगर आयुक्त ने बताया कि यह केंद्र ट्रिपल आर (रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल) सिद्धांत पर आधारित है। यहां डिजिटल म्यूरल्स, प्रोजेक्शन शो और इंटरैक्टिव कैंपेन के माध्यम से नागरिकों को जागरूक किया जाता है। यह अपशिष्ट प्रबंधन में नागरिक सहभागिता का एक अनूठा और प्रेरणादायी मॉडल है।

2: लिगेसी वेस्ट निस्तारण
5.8 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट (2017–2019) का निस्तारण कर कचरे के पहाड़ों से ढकी 20 एकड़ भूमि को मुक्त कराया। इस भूमि पर मियावाकी वन, इको-पार्क एवं हरित स्थल विकसित किए गए हैं।

3. ग्रीन बेल्ट विकास

महानगर की मुख्य सड़कों के किनारे 27 किलोमीटर ग्रीन बेल्ट विकसित किया। इसमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट एवं सीएंडडी प्लांट क्षेत्र में मियावाकी प्लांटेशन करने से अर्बन हीट इफेक्ट कम हुआ। इससे वायु प्रदूषण में कमी आई।

4. सड़कों की मैकेनिकल क्लीनिंग

महानगर की सड़कों को गड्ढामुक्त कर उनकी मैकेनिकल क्लीनिंग कराकर वायु गुणवत्ता में सुधार किया गया। इससे सड़कों से उड़ने वाली धूल में कम से पीएम 10 सूचकांक 243 (2020) से घटकर 97 (2025) हुआ।

5. सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट व कलेक्शन सेंटर संचालित
100 टीपीडी प्रोसेसिंग प्लांट निर्माणाधीन है। इसमें मलबे को पुनः उपयोग योग्य कर निर्माण सामग्री में परिवर्तित किया जा रहा है। अपशिष्ट जल को शोधित कर उसे फिर से उपयोग लायक बनाया जा रहा है। इसके लिए 32 केएलडी एफएसटीपी और 58 एमएलडी एसटीपी प्लांट संचालित है।

इसके अलावा बायो-रिमेडिएशन एवं फाइटो-रिमेडिएश नाले के शोधित जल का उपयोग सड़क धुलाई, एंटी-स्मॉग स्प्रिंकलिंग, सिंचाई एवं पेड़ों की सफाई में हो रही है।आरआरआर सेंटर व मोबाइल बैन के माध्यम से नागरिकों के घर से पुराने कपड़े, जूते, किताबें, खिलौने दान में लेकर ज़रूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है। ई-वेस्ट वैन द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कचरे का सुरक्षित संग्रहण किया जाता है।

यह रही पहले की उपलब्धियां

2024 – स्वच्छ सर्वेक्षण में 120 रैंक का सुधार, राष्ट्रीय स्तर पर 10वां स्थान
– 3-स्टार गार्बेज-फ्री सिटी एवं वाटर प्रमाण पत्र

मुख्य परिणाम:
5.8 लाख मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण
20 एकड़ भूमि मुक्त कर हरित विकास

11 तालाबों का पुनर्जीवन
27 किलोमीटर ग्रीन बेल्ट

75 कचरा स्थलों का कायाकल्प
पीएम 10 में 243 से 97 तक कमी

3 लाख नागरिक सक्रिय रूप से जुड़े

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