कानपुर: युवक ने थाने के बाथरूम में फंदा लगाकर दी जान, पुलिसकर्मियों के फूले हाथ-पांव
बुआ को जान की धमकी, गला कसने का प्रयास व हंगामा करने पर किया पुलिस के हवाले
कानपुर, अमृत विचार। पुलिस हिरासत में युवक ने रावतपुर थाने के बाथरूम में फांसी लगाकर जान दे दी। ड्यूटी पर मौजूद सिपाही ने शव फंदे से लटकता देखा तो हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में युवक के गले का फंदा काटकर नीचे उतारा और हैलट ले गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना की खबर पाकर जेसीपी आशुतोष कुमार, डीसीपी वेस्ट दिनेश चंद्र त्रिपाठी, एडीसीपी वेस्ट कपिल देव सिंह, एसीपी चकेरी अभिषेक पांडेय मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। पता चला कि थाने में फांसी लगाने वाले युवक ने अपनी बुआ को मारने की धमकी दी थी। घर पहुंचकर पथराव व हंगामा कर रहा था, इस पर परिजनों ने उसे पुलिस के हवाले किया था।
शटरिंग कारीगर 35 वर्षीय दिनेश उर्फ गुड्डू बीते एक साल से रावतपुर के जय प्रकाशनगर कच्ची मड़ैया में रहने वाली अपनी बुआ रेनू के घर पर एक साल से रह रहा था। रेनू के बेटे सिद्धार्थ ने बताया कि दिनेश शराब का लती और सिरफिरा था। जिस कारण आएदिन नशे में बखेड़ा खड़ा करता था। उसकी झगड़े की हरकतों के कारण बेटी रूबी के घर चकेरी के लालबंगला में रह रहे उसके पिता दिलीप कुमार ने उसे वहां से दो साल पहले भगाया था।

सिद्धार्थ के अनुसार नशे की हालत में दिनेश ने बीती सात सितंबर को उसकी मां का तार से गला कसने का प्रयास किया था। उसके एक दिन बाद मां को जान से मारने की धमकी दी थी। उसकी हरकत से डरकर घर से भगा दिया, लेकिन बुधवार देर रात नशे की हालत में लौट आया और घर पर पथराव करने लगा। हंगामा करने पर मोहल्ले के लोग एकत्र हो गए तो उसे पीटकर भोर पहर रावतपुर पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिसकर्मियों ने उसे हवालात में बंद कर दिया। गुरुवार सुबह शौचक्रिया जाने की बात कहकर दिनेश थाना परिसर में बने शौचालय में गया, जहां उसने अपनी टीशर्ट फाड़कर फांसी लगा ली। कुछ देर बाद ड्यूटी पर मौजूद सिपाही ने उसे फंदे से लटका देखा तो हाथ-पांव फूल गए। पुलिसकर्मियों ने गले में कसा फंदा काटकर उसे तत्काल हैलट पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। थाने में फांसी लगाने की खबर पाकर पुलिस अधिकारी और कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा।
ग्वालटोली में रहते हैं सौतेले भाई
शटरिंग का काम करके दिनेश जो भी कमाता उसे नशे पर उड़ा देता था। रहने के लिए उसके पास अपना घर नहीं था, इसलिए रिश्तेदारों के यहां आश्रय लेता था। पहले दिनेश भी अपने पिता दिलीप के साथ बहन रूबी के घर पर ही रहता था। वहां से निकाले जाने पर बुआ रेनू ने अपने पास रख लिया था।
दिनेश के परिवार में पिता दिलीप के अलावा सौतेले तीन बहन व चार भाई हैं। भाई ग्वालटोली में रहते हैं। दिलीप ने दो शादी की थी। पहली पत्नी चमेली से एक बेटा दिनेश और दूसरी पत्नी ममता से अन्य संतान हैं। पहली पत्नी के छोड़कर जाने के बाद दिलीप ने दूसरी शादी की थी। दूसरी पत्नी की भी मौत हो चुकी है।
पिता पर भी कर चुका था हमला
दिलीप के अनुसार वह मूलरूप से बाराणसी के रहने वाले हैं। कोरोना लॉकडाउन के समय उन्होंने दिनेश को साइकिल की दुकान कराई थी। लेकिन उसने पूरा सामान बेचकर शराब पी ली। दुकान बंद न होने इसलिए खुद भी उसके साथ बैठने लगे तो एक दिन उसने हथौड़ा से उसे मार डालने के लिए दौड़ाया। इस पर किसी तरह जान बचाई। बेटी के घर पर भी उसने कई बार मारा, इसलिए उसे भगा दिया था। वह सिरफिरा था, कब क्या कर जाए कोई भरोसा नहीं था।
दिनेश बुधवार देर रात नशे में धुत होकर अपनी बुआ के घर आया था। विरोध पर उसका विवाद हुआ। उसने पत्थर चलाकर हंगामा किया। इसलिए भोर पहर परिजन उसे थाने लेकर आए थे। जहां उसने बाथरूम में फांसी लगा ली। मामले की जांच की जा रही है... डीसीपी वेस्ट, दिनेश चंद्र त्रिपाठी।
