नवरात्र की महाअष्टमी आज: महानवमी और कन्या पूजन कल, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : मंगलवार 30 सितम्बर को महाअष्टमी है। इस शुभ तिथि पर मां गौरी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है। पहली अक्टूबर को महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी। इस बार अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 सितम्बर को सांयकाल 4 :31 पर होगी। तिथि का समापन 30 सितम्बर को सांयकाल 6:06 पर होगा।

उदया तिथि के अनुसार महाअष्टमी 30 सितम्बर को मान्य होगी। इसके बाद महानवमी तिथि का आरंभ होगा और यह पहली अक्तूबर को सांयकाल में 7:02 मिनट तक रहेगी। ऐसे में महानवमी पहली अक्तूबर को मनाई जाएगी। 2 अक्टूबर को विजय दशमी पर्व मनाया जायेगा।

ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 2 वर्ष की कन्या को मां कुंआरी का स्वरूप माना जाता है। इसकी पूजा करने से घर में दुख दरिद्रता दूर होती है। 3 वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति का रूप होती है। त्रिमूर्ति के पूजन से घर में धन धान की भरमार रहती है, पारिवारिक सुख समृद्धि बढ़ती है। 4 वर्ष की कन्या कल्याणी मणी जाती है, इसकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है।5 वर्ष की कन्या रोहणी होती है। रोहणी का पूजन करने से व्यक्ति रोग मुक्त होता है। 

6 वर्ष की कन्या को काली का रूप माना गया है काली का रूप में विजय विद्या और राजयोग मिलता है। 7 वर्ष की कन्या चंडिका होती है। चंडिका रूप को पूजने से ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है। 8 वर्ष की कन्या शांभवी कहलाती है इस के पूजन से सारे विवाद में विजय मिलती है। 9 साल की कन्या दुर्गा का रूप होती है उसका पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है। असाध्य कार्य भी पूर्ण हो जाते हैं। 10 साल की कन्या सुभद्रा कहलाती है। सुभद्रा अपने भक्तों के सारे मनोरथ पूर्ण पूर्ण करती हैं।

अमरीकी टैरिफ का बहिष्कार

1952 से लगातार होती आ रही दुर्गा पूजा में महिषासुर रूपी अमेरिकन टैरिफ का मां से संहार करने की प्रार्थना कैंटोनमेंट पूजा एवं सेवा समिति की ओर से की जा रही है। मां विश्व का कल्याण करें की थीम पर पंडाल में मां की स्थापना की गई है। पंडाल में जगह-जगह आदमकद कट आउट लगे हैं, साथ ही ऑपरेशन सिंदूर पर भी झांकी लगी है।

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