Darjeeling Bridge Collapsed: पश्चिम बंगाल पर मॉनसून की मार, भूस्खलन से 6 की मौत,भरभराकर ढहा पुल, वीडियो

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने कहर बरपा दिया है। दार्जिलिंग जिले के मिरिक क्षेत्र में भारी भूस्खलन से कम से कम छह लोगों की जान चली गई, जबकि मिरिक और कुर्सेओंग को जोड़ने वाला ऐतिहासिक दुदिया लोहे का पुल अचानक गिर पड़ा। इस आपदा ने सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग राजकीय राजमार्ग-12 को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया, जिससे हजारों यात्री फंस गए। वीडियो फुटेज में पुल के मलबे के बीच बहते पानी और चीख-पुकार का दृश्य साफ दिख रहा है।

आपदा प्रबंधन की चुनौतियां, राहत कार्य में बाधा

स्थानीय प्रशासन और आपदा मोचन टीमों ने तुरंत बचाव अभियान चला दिया है, लेकिन रुक-रुक कर हो रही बारिश और कीचड़ भरी राहों ने काम को जटिल बना दिया। अधिकारियों ने जनता से पहाड़ी इलाकों और नालों के किनारे से बचने की सलाह जारी की है। फिलहाल, कई गांवों को खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। दार्जिलिंग जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, "हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, लेकिन मौसम की मार से राहत कार्य धीमा पड़ रहा है।"

राजमार्ग पर भूस्खलन, संपर्क पूरी तरह कटा

मानसून की तीव्रता ने राष्ट्रीय राजमार्ग-110 के हुसैन खोला खंड को भी अपनी चपेट में ले लिया। यहां बड़े पैमाने पर मिट्टी धंसने से सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच सड़कें मलबे से पट गईं, जिससे यातायात ठप हो गया। प्रशासन ने एम्बुलेंस और आवश्यक सेवाओं के लिए वैकल्पिक रास्ते खोजे हैं, लेकिन सामान्य आवागमन बहाल होने में समय लगेगा। कई जगहों पर पेड़ उखड़ने और सड़कें धंसने की शिकायतें आ रही हैं।

विपक्षी नेता का केंद्र पर हमला, तत्काल सहायता की मांग

पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की। उन्होंने लिखा कि दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कुर्सेओंग जैसे पहाड़ी इलाके भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे तराई, डुआर्स और सिलीगुड़ी के मैदानी क्षेत्रों से संपर्क लगभग शून्य हो गया। अधिकारी ने केंद्र सरकार से फौरी राहत बल तैनात करने और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत को प्राथमिकता देने की गुहार लगाई। "यह संकट घातक है, देरी से और जानें जा सकती हैं," उन्होंने चेतावनी दी।

महानंदा का प्रकोप, तटबंध टूटा और बस्तियां डूबीं

राजगंज विकास खंड के पोराझार इलाके में महानंदा नदी के उफान ने तटबंध को चीर दिया, जिससे आसपास के घरों और खेतों में पानी घुस गया। कई परिवारों को रातोंरात बेघर होना पड़ा। भारी जलस्तर के कारण स्थानीय बाजार और कृषि भूमि बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। प्रशासन ने प्रभावितों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाए हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी: रेड अलर्ट जारी, नदियां खतरनाक स्तर पर

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों के लिए लाल चेतावनी जारी की है। निम्न दबाव क्षेत्र के प्रभाव से उप-हिमालयी क्षेत्र में सोमवार सुबह तक अतिवृष्टि जारी रहने का अनुमान है। तीस्ता और माल नदियों का जलस्तर खतरे की रेखा पार कर चुका है, जिससे मालबाजार और डुआर्स में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

पर्यटन केंद्रों पर संकट, गांव मलबे में दबे

मिरिक व कुर्सेओंग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्पॉट अब वीरान पड़े हैं। भूस्खलन से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए, सड़कें मलबे से भरी हैं। दार्जिलिंग प्रशासन ने दर्जनों गांवों को सुरक्षित स्थानांतरित किया है, जहां राहत सामग्री वितरित की जा रही है। पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा है।

पड़ोसी राज्यों तक फैला असर, स्कूल बंद

यह निम्न दबाव पश्चिमी झारखंड, दक्षिणी बिहार और दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश तक विस्तारित हो चुका है। अगले 24 घंटों में मुर्शिदाबाद, बीरभूम व नदिया जिलों में भी जोरदार बारिश की आशंका है। बांकुरा जिले में पिछले 24 घंटों में 65.8 मिमी की सबसे अधिक वर्षा रिकॉर्ड हुई। हालात बिगड़ने पर स्कूलों को अवकाश घोषित कर दिया गया है, जबकि निचले क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है।

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