Big Update on Cancer: IISER कोलकाता ने कैंसर से लड़ने के लिए अनुकूल बैक्टीरिया किया विकसित 

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Published By Muskan Dixit
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कोलकाता। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) कोलकाता की एक टीम ने एक ऐसा ‘‘अनुकूल बैक्टीरिया’’ विकसित किया है जो रोगी के शरीर के भीतर कैंसर से सुरक्षित और प्रभावी ढंग से लड़ सकता है। संस्थान ने एक बयान में यह जानकारी दी। संस्थान ने बताया कि वह एक ऐसी प्रणाली विकसित कर रहा है जो उपचार की प्रगति पर नजर रख सकेगी। आईआईएसईआर, कोलकाता ने कहा कि ये सभी नवोन्मेष कैंसर के उपचार की दिशा में नयी उपलब्धि हैं। 

‘रीसेट’ (रीप्रोग्रेमिंग द सपरेसिव एन्वायरमेंट ऑफ ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट) नामक यह परियोजना कैंसर के उपचार के दौरान सामने आने वाली सबसे बड़ी बाधाओं में से एक का समाधान करती है। बयान में कहा गया है, ‘‘कैंसर अक्सर ‘टी रेगुलेटरी सेल्स’ (ट्रेग्स) नामक विशेष प्रतिरक्षा कोशिकाओं के पीछे छिप जाता है जिससे शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली पर असर पड़ता हैं। इसके कारण ‘इम्यूनोथेरेपी’ या ‘कीमोथेरेपी’ जैसी मानक चिकित्सा पद्धतियां कम प्रभावी हो जाती हैं।’’

बयान में बताया गया है कि एक बड़ा और नया दृष्टिकोण अपनाते हुए आईआईएसईआर, कोलकाता की टीम ट्यूमर का पता लगाने और उसकी गतिविधि को बाधित करने के लिए ‘प्रोबायोटिक्स’ तैयार कर रही है जिससे कैंसर के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रणाली पुनः सक्रिय हो सकती है। सरल शब्दों में, वे अनुकूल सूक्ष्मजीवों को जीवित, लक्षित दवाओं में परिवर्तित कर रहे हैं जो एक दिन रोगी के शरीर के अंदर से काम कर सकेंगी और कैंसर के उपचार को अधिक सुरक्षित एवं प्रभावी बना सकेंगी। आईआईएसईआर कोलकाता के 11 स्नातक छात्रों की टीम इस वर्ष अक्टूबर में पेरिस में आयोजित होने वाली दुनिया की सबसे बड़ी ‘सिंथेटिक (संश्लेषित) जीवविज्ञान प्रतियोगिता ‘इंटरनेशनल जेनेटिकली इंजीनियर्ड मशीन (आईजीईएम) ग्रैंड जम्बूरी 2025’ में अपने संस्थान और भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। 

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