दिल्ली में यमुना के 1,000 से अधिक घाटों पर छठ पूजा का आयोजन, बोले मंत्री कपिल मिश्रा 

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Published By Anjali Singh
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दिल्ली। दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि आगामी छठ पूजा के लिए शहर में 1,000 से अधिक स्थलों की पहचान की गई है। मिश्रा ने बिना किसी परेशानी के अनुमति प्राप्त करने के लिए एकल-खिड़की मंजूरी प्रणाली की घोषणा की। दिल्ली सरकार में कला, संस्कृति और भाषा मंत्री ने समारोह की तैयारियों का आकलन करने के लिए पूर्वांचल मोर्चा के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की। 

मिश्रा ने कहा कि इस साल राष्ट्रीय राजधानी में 1,000 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा का आयोजन होगा, जो अब तक की सबसे बड़ी व्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि कई वर्षों के बाद, यमुना नदी के घाटों पर विशेष तैयारियां की जा रही हैं, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह का संचार हो रहा है। 

यमुना तटों के अलावा, द्वारका, हाथी घाट, पीतमपुरा और सोनिया विहार में भी बड़े समारोह आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भोजपुरी भाषी लोगों की लोक परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए कला, संस्कृति और भाषा विभाग ने 200 से अधिक स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई है। 

मिश्रा ने बताया कि घाटों पर सजावटी द्वार, छठी मैय्या और सूर्य देव की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। मंत्री ने बताया कि कुछ प्रमुख स्थानों को ‘आदर्श छठ घाट’ के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जहां आदर्श व्यवस्थाएं और सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अनुमति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए, मिश्रा ने घोषणा की कि कांवड़ यात्रा, दुर्गा पूजा और रामलीला के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एकल-खिड़की प्रणाली की तरह ही नयी प्रणाली शुरू की गई है। 

उन्होंने बताया कि तैयारियों के समन्वय के लिए प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में एक नोडल अधिकारी होगा। एक सरकारी बयान के अनुसार, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को घाटों की नियमित सफाई के लिए पर्याप्त कर्मचारियों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है। सुरक्षा और स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मिश्रा ने अधिकारियों को सभी प्रमुख स्थानों पर सचल शौचालयों, एम्बुलेंस और अग्नि सुरक्षा उपायों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। 

मंत्री ने संबंधित विभागों को सुबह के अर्घ्य (सूर्य को अर्घ्य) के बाद श्रद्धालुओं के लिए नाश्ते और पेयजल की व्यवस्था करने को भी कहा। मिश्रा ने कहा, ‘‘छठ महापर्व न केवल भक्ति और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक विविधता को भी दर्शाता है। पूर्वांचल की परंपराओं का सम्मान और संवर्धन एक सामूहिक जिम्मेदारी है।’’ 

छठ पूजा सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है और चार दिनों की कठोर दिनचर्या के साथ मनाई जाती है। पहला दिन, जिसे ‘नहाय-खाय’ के रूप में जाना जाता है, शुद्धिकरण अनुष्ठान का प्रतीक है जहां भक्त स्नान करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और ‘चना दाल’ और ‘कद्दू भात’ जैसे प्रसाद तैयार करते हैं। छठ पूजा दिल्ली के पूर्वांचली समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो शहर के मतदाताओं का 30-40 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। 

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