Dev-Diwali: 2.51 लाख दीपों से रोशन होगा लखनऊ में गोमती तट, मनकामेश्वर मंदिर में मां गोमती की महाआरती

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचारः देव दीपावली पर मां गोमती की भव्य महाआरती के साथ 2,51,000 दीपों से देवों का स्वागत किया जाएगा। ये आयोजन श्री मनकामेश्वर मंदिर के तत्वावधान में नमोस्तुते मां गोमती अभियान के अंतर्गत गोमती स्वच्छता व जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता के उद्देश्य से किया जा रहा है। ये जानकार रविवार को पत्रकार वार्ता में मंदिर की महंत देव्यागिरि ने दी।

उन्होंने बताया कि 15 वर्षों से गोमती आरती और स्वच्छता अभियान चला रही हैं। इस वर्ष का देव दीपावली महोत्सव 3 नवंबर से शुरु होगा। सोमवार को दोपहर एक 1 से 4 बजे तक शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं के बीच शैक्षणिक प्रतियोगिताएं होंगी। 4 को दोपहर 1 से 5 बजे तक छात्राओं और महिलाओं की ओर से रंगोली व बेदियों की सज्जा प्रतियोगिता होगी। तत्पश्चात श्रद्धालु दीप सज्जा में भाग लेंगे।

देव्यागिरि ने बताया कि त्रिपुरासुर राक्षस के वध के उपलक्ष्य में देवताओं ने दीप प्रज्जवलित कर विजय उत्सव मनाया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन देवता पृथ्वी लोक में नदियों के तट पर अवतरित होकर दीपों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। महन्त देव्यागिरि ने लखनऊवासियों से आह्वान किया कि वे अपने परिजनों के साथ आकर दीपदान करें और मां गोमती की स्वच्छता व जल संरक्षण का संकल्प लें। महोत्सव में शासन-प्रशासन के कई मंत्रीगण और अधिकारी भी आमंत्रित किए गए हैं। पत्रकार वार्ता में जगदीश गुप्त, सत्य प्रकाश गुलहरे, शेखर कुमार, राजीव श्रीवास्तव, अजय तिवारी, प्रेम तिवारी, अमित श्रीवास्तव, मालिनी चतुर्वेदी और उपमा पांडेय उपस्थित रहीं।

देव दीपावली 5 नवंबर को

देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, जिसके उपलक्ष्य में देवता काशी में उतरकर दीपोत्सव मनाते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार का प्राकट्य भी माना गया है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 4 नवंबर की रात 10:36 बजे 5 नवंबर शाम 6:48 बजे रहेगी। देव दीपावली की पूजा का शुभ समय 5 नवंबर को शाम 5:15 से 7:50 बजे तक रहेगा। 

इस अवधि में महादेव, माता लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा-अर्चना अत्यंत फलदायी मानी गई है। श्रद्धालु इस दिन गंगा स्नान या गंगाजल मिलाकर स्नान करें, शुद्ध घी के दीपक जलाएं, मिठाई, फल और शमी का फूल अर्पित करें। प्रदोष काल में दीप प्रज्वलित कर शिव चालीसा का पाठ और आरती करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मकता का वास होता है।

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