Kartik Purnima: शुभ संयोग में 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा, दीपदान करने से सभी हैं संकट हो जाते हैं दूर

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Published By Deepak Mishra
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कानपुर। कार्तिक पूर्णिमा इस साल 5 नवंबर को है कार्तिक मास को सभी महीनों में बेहद शुभ व फलदायी माना गया है कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करने से इस पूरे महीने के गए पूजा-पाठ के बराबर फल मिलता है। कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को अतिप्रिय है।
 
5 नवंबर को भद्रावास योग समेत कई शुभ और दुर्लभ योग बन रहे हैं इन शुभ संयोगों में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है  इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को मनोवांछित फल प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

कार्तिक मास में भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था इसी तिथि पर भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था  प्राचीन समय में जब जल प्रलय आया था, तब मत्स्य अवतार के रूप में भगवान ने पूरे संसार की रक्षा की थी।कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

इस तिथि पर शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था, इस वजह से इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है, इस कारण इसे देव दीपावली कहते हैं।

इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व है विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था। कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान, दीपदान, पूजा, आरती, हवन और दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस साल देव दीपावली पर सिद्धि योग बन रहा है उस दिन सिद्धि योग प्रात:काल से लेकर दिन में 11:28 मिनट तक है देव दीपावली के दिन भद्रावास योग का दुर्लभ और शुभ संयोग भी बन रहा है यह योग सुबह 8:44 मिनट तक रहेगा।

इस दौरान भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी, जिसे शास्त्रों में अत्यंत मंगलकारी माना गया है  जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में रहती हैं, तो पृथ्वी पर सुख-समृद्धि और शुभ फल की प्राप्ति होती है इस योग में भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन से दुख और बाधाएँ दूर होती हैं तथा सौभाग्य और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

देव दीपावली के दिन शिववास योग का अत्यंत मंगलकारी संयोग बन रहा है यह योग शाम 6 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ होगा इस विशेष योग में भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं शिववास योग में की गई पूजा से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली का वास होता है।

इस दिन नदी और तालाब में दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं और कर्ज से भी मुक्ति मिलती है कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण जरूर बांधे और दीपावली की ही तरह चारों और दीपक जलाएं।

तुलसी पूजन 
कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम के साथ ही तुलसी जी की पूजा की जाती है इस दिन तुलसी पूजन का बहुत अधिक महत्व होता है इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व होता है इस दिन किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना का अनंत फल होता है इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं जिससे आपके मनोकामना पूरी हो और दरिद्रता दूर हो सके।

 कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है इस दिन दान का बहुत अधिक महत्व होता है कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हों वह जरूर करें इससे घर परिवार में धन-समृद्धि और बरकत बनी रहती है।

कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे खासकर शनि की साढ़ेसाती वही कुंडली में पितृ दोष, चांडाल दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा।
राशि अनुसार आपको किन चीजों का दान करना चाहिए...
मेष-गुड़ 
वृष- गर्म कपड़ों 
मिथुन-मूंग की दाल 
कर्क-चावल 
सिंह-गेहूं 
कन्या-हरे रंग का चारा 
तुला भोजन 
वृश्चिकृ- गुड़ और चना 
धनु-गर्म खाने की चीजें, जैसे बाजरा,
मकर-कंबल 
कुंभ-काली उड़द की दाल 
मीन- हल्दी और बेसन की मिठाई... आचार्य पवन तिवारी, संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान।

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