लखनऊ : अधिकारियों की लापरवाही से लटका 50 हजार शिक्षकों का वेतन
10 वर्ष की सेवा के बाद भी अधिकारियों ने चयनित वेतनमान स्वीकृत नहीं किया
मार्कण्डेय पाण्डेय/लखनऊ, अमृत विचार। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही से प्रदेश के 25 जिलों के प्राथमिक शिक्षकों का चयनित वेतनमान अधर में लटका है। इसे लेकर महानिदेशक, स्कूल शिक्षा व राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय ने कड़ी नाराजगी प्रगट की है।
शिक्षा महानिदेशक के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अधिकारियों ने 10 वर्ष पूरे होने के बाद भी चयन वेतन स्वीकृत नहीं किया है। जिसके कारण करीब 50 हजार शिक्षकों का वेतन प्रक्रिया अधूरी पड़ी है। प्राथमिक शिक्षा में करीब 72 हजार व जूनियर स्कूलों में 29 हजार विज्ञान, गणित शिक्षकों की भर्ती के सितंबर में 10 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं।
जिनका चयन वेतनमान देना है। लेकिन निश्चित समय से दो माह बीत जाने के बाद भी चयन वेतनमान प्रदान नहीं किया गया है। इसे लेकर शिक्षक बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री तक ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की हिलाहवाली के चलते उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ऑनलाइन प्रक्रिया हुई थी घोषित
15 दिसंबर 2024 को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने मानव संपदा पोर्टल पर चयन वेतनमान व प्रोन्नत वेतनमान के लिए आवेदन के ऑनलाइन मॉड्यूल का उद्घाटन किया था। इसी के साथ निर्देश जारी किए गए थे कि जनवरी 2025 से पोर्टल पर ही ऑनलाइन माध्यम से इसका लाभ प्रदान किया जाएगा। जिससे शिक्षकों को बिना किसी दौड़भाग के शीघ्र चयन वेतनमान का लाभ प्राप्त हो सके।
कैसे लगता है चयन वेतनमान
चयन वेतनमान के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत 10 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षकों की एक सूची ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शित होती है। ब्लॉक स्तर पर एल1 कर्मी इसका सत्यापन कर सूची को एल2 खंड शिक्षा अधिकारी को भेजता है। जो इसकी संस्तुति करते हुए बीएसए को प्रेषित कर देते हैं। यह प्रक्रिया दो चरणों में होती है। एल1 स्तर पर कर्मी इसको वेरीफाई करते हुए आगे भेजता है और एल2 स्तर पर अप्रूव करने के बाद ऑर्डर जनरेट हो जाता है।
एक घंटे में लगा दिया चयन वेतनमान
जनपद हमीरपुर में मानव संपदा चयन वेतनमान का एक स्क्रीनशॉट चर्चा में है। जिसमें चयन वेतनमान को एक घंटे में लगाया गया है। इसमें 24 नवंबर को प्रक्रिया 2:52 बजे पर शुरु होती है और 3:55 बजे पर समाप्त हो जाती है।
यह जिले हुए फिसड्डी साबित
मऊ, चंदौली, हापुड़, बदायूं, रामपुर, शामली, गोरखुपर, संभल, बलिया, कौशाम्बी, आगरा, हरदोई, अमेठी, प्रयागराज, वाराणसी, बांदा, कानपुर नगर, मथुरा, अंबेडकर नगर, मेरठ, आजमगढ़, लखनऊ, संतरविदास नगर, सोनभद्र और एटा जिले शामिल हैं।
चयन वेतनमान प्रत्येक शिक्षक का अधिकार हैं। शिक्षकों के चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान और ई-सर्विस बुक कलेक्शन जैसे लंबित मामलों पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। अधिकारी तकनीकी खराबी का बहाना कर चयन वेतनमान को लटका रहे हैं। शिक्षकों की चिंता है कि यदि चयन वेतनमान लंबे समय तक नहीं प्राप्त होगा तो उनका एरियर बढ़ेगा जिससे शिक्षकों का विभागीय स्तर पर शोषण होगा... सुशील कुमार पाण्डेय, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
