पंचायत चुनाव से पहले UP में हड़कंप: विकास कार्यों की जांच तेज, प्रधान-सचिवों को नोटिस, खंगाले जा रहे पुराने रिकॉर्ड

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले गांवों में हुए विकास कार्यों की हकीकत परखने को छानबीन तेज होने वाली है। पंचायतीराज विभाग ने ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों की जांच शुरू कर दी है। ऐसे में तमाम ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव इसको लेकर चिंतित भी हैं।

दिलचस्प यह है कि शासन की इस कार्रवाई के मद्देनजर गांव की राजनीति गरमा गई है, मानो ग्राम प्रधानों के प्रतिद्वंद्वियों को मुद्दा मिल गया। कई गांवों में विपक्षी खेमे ने शिकायतों और साक्ष्यों के साथ अधिकारियों की चौखट पर दस्तक देना शुरू कर दिया है। ऐसे में प्रधानों की मुश्किलें और बढ़ी नजर आ रही हैं।

दरअसल, जिन ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के खर्च का स्पष्ट और संतोषजनक ब्यौरा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, वहां कार्रवाई की संभावना है। उदाहरण के तौर पर गोंडा में जिला पंचायतीराज विभाग की ओर से दर्जनों ग्राम पंचायतों के प्रधानों और पंचायत सचिवों को अधिभार नोटिस जारी हुई हैं।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अगर निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब और खर्च का पूरा विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया तो संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी ही नोटिस अन्य जिलों को भी गई हैं। नोटिसों के बाद पंचायत स्तर पर खलबली मच गई है। प्रधान और सचिव पुराने रिकॉर्ड खंगालने में जुट गए हैं।

पंचायतों में होगा डिजिटल पुस्तकालय, 25 करोड़ जारी

राज्य सरकार के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में डिजिटल पुस्तकालय (बाल एवं किशोर पुस्तकालय) की स्थापना की जाएगी। शासन के निर्देश पर गोरखपुर मंडल के गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर व महाराजगंज में डिजिटल लाइब्रेरी के लिए चिन्हित 1288 ग्राम पंचायतों में से प्रथम चरण में चारों जिलों में 644 डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी। इसके लिए शासन ने 24 करोड़ 47 लाख 20 हजार की धनराशि जारी कर दी है।

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