कागजों पर चकाचक, हकीकत में गड्ढों की भरमार: सैफलपुर-नरौना सड़क की बदहाली से ग्रामीणों का जीना मुहाल

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ/काकोरी, अमृत विचार : इलाके की मुख्य नहर सड़क, जो लखनऊ से मोहान मार्ग और मलिहाबाद-मोहान को जोड़ती है, जर्जर होने के कारण आम जनता के लिए चलना मुश्किल हो गया है। कई बार राहगीर गिरकर गंभीर रूप से चोटिल भी हुए हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सिंचाई विभाग ने सैफलपुर पुल से नहर कोठी नरौना तक सड़क पंचिंग के लिए लाखों रुपए का बजट मंजूर कर कई वेंडर कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी थी।

ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदारों ने काम केवल कागज़ों पर पूरा दिखाया, जबकि हकीकत में अधिकांश स्थानों पर सड़क जर्जर ही है। कई जगहों पर पंचिंग अधूरी है और सड़क पर पहले जैसी बजरी बनी हुई है। सैफलपुर से काकोरी मोड़ तक किलोमीटरों में अधूरा काम रह गया है। इस सड़क की चौदह से अधिक गांवों पर निर्भरता है, जिसमें सैफलपुर, खानपुरमऊ, बहरु, मेंहदी नगर, बंडाखेड़ा, कुसमी, रेवरी, आदमपुर इंदवारा, भलिया, नकटौरा, दोना, नरौना, करझन और कौड़िया खेड़ा शामिल हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। जबकि सिंचाई विभाग के क्षेत्रीय जेई और एसडीओ का कहना है कि सड़क पंचिंग का काम पूरा हो गया है। वहीं, जनता इस ऊबड़-खाबड़ और जर्जर सड़क से रोजमर्रा की आवाजाही में परेशान है।

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