लखीमपुर खीरी : दुधवा टाइगर रिजर्व में दीपिका व नकुल गैंडे के हटाए जीपीएस कॉलर

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Published By Deepak Mishra
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पलिया कलां/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुधवा टाइगर रिजर्व के सलूकापुर परिक्षेत्र में स्वच्छंद विचरण कर रहे दो और गैंडों के गले में लगे जीपीएस आधारित रेडियो कॉलर शनिवार को हटा दिए गए। इन गैंडों में मादा गैंडा दीपिका और नर गैंडा नकुल शामिल हैं। इसके साथ ही दो दिनों में कुल तीन गैंडों के कॉलर हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जबकि शेष एक मादा गैंडे का कॉलर हटाने का कार्य रविवार को किया जाएगा।

दुधवा टाइगर रिजर्व की दक्षिण सोनारीपुर रेंज के सलूकापुर क्षेत्र में लगभग 27 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल को बैटरी चालित तारबाड़ से घेर कर फेज-एक गैंडा पुनर्वास केंद्र विकसित किया गया है। बीते वर्ष यहां से चार गैंडों को स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ा गया था, जिनकी निगरानी के उद्देश्य से उनके गले में जीपीएस आधारित रेडियो कॉलर लगाए गए थे।

अब गैंडों के क्षेत्र में पूरी तरह अनुकूल हो जाने के बाद इन रेडियो कॉलरों को हटाने की कार्रवाई शुक्रवार से प्रारंभ की गई, जो गौहाटी विश्वविद्यालय, असम के वेटरनरी साइंस विभाग के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर केके शर्मा की देखरेख में की जा रही है। प्रतिकूल मौसम के बावजूद यह अभियान लगातार जारी है।

इस विशेष ऑपरेशन में दिल्ली से आए विशेषज्ञों के साथ मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व डॉ. एच राजामोहन, डिप्टी डायरेक्टर जगदीश आर, डीटीआर के पशु चिकित्सक डॉ. तलहा, बफर जोन के चिकित्सक डॉ. दयाशंकर, विश्व प्रकृति निधि के अधिकारी डॉ. मुदित गुप्ता, प्रोजेक्ट ऑफिसर रोहित रवि, दुधवा बाघ फाउंडेशन की टीम, उप प्रभागीय वनाधिकारी बेलरायां दीपक पांडेय सहित दक्षिण सोनारीपुर रेंज का स्टाफ मौजूद रहा। विशेषज्ञ वेटरनरी टीम द्वारा गैंडों को ट्रैंकुलाइज कर सुरक्षित तरीके से रेडियो कॉलर हटाए गए। अधिकारियों के अनुसार अब तक दो दिनों में तीन गैंडों के कॉलर हटाने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और शेष एक मादा गैंडे का कॉलर रविवार को हटाया जाएगा।

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