बरेली: केंद्रीय तो दूर, राज्य विश्वविद्यालय ही बन जाए तो बड़ी बात

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अमृत विचार, बरेली। बरेली कॉलेज को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने और अस्थायी कर्मचारियों के विनियमितीकरण की मांगों को लेकर अस्थाई कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया है लेकिन बरेली कॉलेज के केंद्रीय विश्वविद्यालय बनना आसान नहीं है। सबसे पहले महाविद्यालय राज्य विश्वविद्यालय ही बन जाए तो बड़ी बात होगी क्योंकि इसे लेकर नियमों का पालन करना होगा। …

अमृत विचार, बरेली। बरेली कॉलेज को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने और अस्थायी कर्मचारियों के विनियमितीकरण की मांगों को लेकर अस्थाई कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया है लेकिन बरेली कॉलेज के केंद्रीय विश्वविद्यालय बनना आसान नहीं है।

सबसे पहले महाविद्यालय राज्य विश्वविद्यालय ही बन जाए तो बड़ी बात होगी क्योंकि इसे लेकर नियमों का पालन करना होगा। अभी तो बरेली कॉलेज नैक की टीम को बुलाने तक की तैयारियां पूरी नहीं कर सका है। महाविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय बनाने को लेकर तैयारियां वर्षों से चल रही हैं। कई प्रस्ताव भी तैयार होकर शासन को भेजे गए लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।

बरेली कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी वर्ष 2013 से चल रही है। इसे लेकर प्रस्ताव भी शासन को भेजे गए। जनप्रतिनिधियों ने भी चुनावों में इसे विश्वविद्यालय बनाने के वादे किए लेकिन अभी भी फाइल अटकी हुई है। बरेली कॉलेज से जुड़े प्रशासनिक अधिकारी भी चाहते हैं कि महाविद्यालय, विश्वविद्यालय बन जाए लेकिन वह भी जानते हैं कि यह इतना आसान नहीं है।

बरेली कॉलेज कर्मचारी कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सोमवार दोपहर भोजनावकाश में प्राचार्य कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की। जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि इन दोनों मांगों के लिए हम अब रोजाना ही अपनी आवाज बुलंद करेंगे। सचिव हरीश मौर्य ने कहा कि कल दो बजे पूर्वी गेट पर सभा करेंगे।

जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक आंदोलन रोकेंगे नहीं। आखिर 183 वर्ष पुराने कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने और हम 20 साल से कार्यरत कर्मियों को स्थाई करने की दोनों मांगें जायज हैं। हम सड़कों पर भी उतरकर आंदोलन करने को तैयार हैं। जरूरत पड़ेगी तो इन जायज मांगों के लिए महाविद्यालय का ताला भी बंद कर सकते हैं।

इस दौरान कर्मचारी मनीष मिश्रा, रविन्द्र सहारा, विजय पटेल, पूरन लाल मसीह, शरद मुनीम, रामपाल, संजीव पटेल, बच्ची देवी, देववती, कुलदीप, जगदीश, राजाराम, वंशगोपाल, दीपक, बाबूराम, राजीव, राकेश, राजीव, रमेश, विजयवीर आदि कर्मचारी मौजूद रहे।

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