बरेली: जल प्रदूषण को दूर करने के लिए लगाएं ये पौधा, दिखेंगे कई लाभ

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अमृत विचार, बरेली। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के ईटीआई सेंटर में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों को रविवार को पर्यावरण संरक्षण एवं एनएसएस की गतिविधियों को चलाने के लिए वित्तीय व्यवस्था का प्रशिक्षण दिया गया। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के प्लांट साइंस के प्रोफेसर डॉ.आलोक श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से …

अमृत विचार, बरेली। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के ईटीआई सेंटर में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों को रविवार को पर्यावरण संरक्षण एवं एनएसएस की गतिविधियों को चलाने के लिए वित्तीय व्यवस्था का प्रशिक्षण दिया गया।

प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के प्लांट साइंस के प्रोफेसर डॉ.आलोक श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जल प्रदूषण को दूर करने के लिए सूरजमुखी, गेंदा, खसखस आदि पौधे लगाने चाहिए जो प्रदूषण को सोख लेते हैं।

उन्होंने धान की खेती की उपयोगिता को भी पर्यावरण हितैषी सिद्ध किया। उन्होंने आर्सेनिक के बढ़ते स्तर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कंक्रीट के जंगल से अतिक्रमित शहर आने वाली पीढ़ी के लिए अभिशाप बन जाएंगे। ग्लेशियर के पिघलने का दर बढ़ेगा और समुद्री तल का स्तर ऊपर उठेगा तो प्रलय की प्रबल संभावना है।

दूसरे सत्र में बरेली के कोषाधिकारी डॉ नीरज पाठक ‘यादवेंद्र’ ने कम संसाधन में एनएसएस की वित्तीय व्यवस्था को नियोजित करने के तरीके बताए। कार्यक्रम समन्वयक डॉ सोमपाल सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर में होने वाले महत्वपूर्ण गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

राष्ट्रीय सेवा योजना शैक्षिक भ्रमण के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहां पर बुजुर्गों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया और उनके साथ गीत, भजन, नृत्य आदि कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में डा. शोभा गुप्ता, डा. बृजेश कुशवाहा, डा. प्रिया सिंह, डा. प्रीति पांडेय, डा. प्रेमलता कश्यप, डा1 बंदना मिश्रा, डा. मनीषा भूषण, डा. सरलादेवी चक्रवर्ती, डा. शालिनी सिंह, डा. रंजना त्रिपाठी, डा. विश्वनाथ शर्मा, डा. राजीव यादव व अन्य मौजूद रहे।

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