रामपुर : केसर की खेती से मालामाल हुए कुंवर पाल, जम्मू कश्मीर से खरीदा था बीज
सुहेल जैदी, रामपुर, अमृत विचार। आठ बीघा जमीन में केसर की खेती कर रामपुर का किसान मालामाल हो रहा है। वर्तमान में केसर के दाम 55 हजार रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। लाकडाउन हटने के बाद केसर की कीमत में उछाल आने की उम्मीद है, जिसके चलते किसान ने फिलहाल केसर नहीं बेची है। …
सुहेल जैदी, रामपुर, अमृत विचार। आठ बीघा जमीन में केसर की खेती कर रामपुर का किसान मालामाल हो रहा है। वर्तमान में केसर के दाम 55 हजार रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। लाकडाउन हटने के बाद केसर की कीमत में उछाल आने की उम्मीद है, जिसके चलते किसान ने फिलहाल केसर नहीं बेची है।
चमरौआ ब्लॉक के ग्राम कोयली निवासी कुंवर पाल यादव ने अगस्त में अहमदनगर गांव में अपने रिश्तेदार की जमीन को ठेके पर लेकर केसर बोई थी। उन्होंने अमेरिकन केसर का बीज जम्मू कश्मीर से खरीदा था और केसर की बुवाई 25 अगस्त 2020 में की थी। केसर की सिंचाई 15 से 20 दिन के बीच होती रही। मार्च में पौधों पर केसर की कलियां खिलने लगीं, जिन्हें देखकर कुंवर पाल सिंह फूलों नहीं समाए। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में फसल काटकर घर ले आए हैं। रामपुर में केसर की खेती होने की आसपास के क्षेत्र में काफी चर्चा है।
3 लाख 20 हजार रुपये किलो मिला बीज
जम्मू कश्मीर से कुंवरपाल यादव ने 3 लाख 20 हजार रुपये प्रति किलो की दर से केसर का बीज खरीदा था। एक एकड़ जमीन पर रोपाई के लिए 80 हजार रुपये का बीच जम्मू कश्मीर से लेकर आए। केसर की रोपाई, सिंचाई एवं खाद पर करीब सवा दो लाख रुपये खर्च हुआ। कुंवरपाल रामपुर के पहले किसान हैं, जिन्होंने केसर की खेती करके सबको अचम्भे में डाल दिया है। इससे पहले उन्होंने खेत की मिट्टी को लैब में चेक कराया था। भूमि पर एक-एक फिट की दूरी पर बीज रोपित किए थे। बुवाई के 15 दिन बाद बीज अंकुरित होने लगे, जिन्हें देख किसान कुंवरपाल खुशी से झूम उठे। कुंवरपाल सिंह बताते हैं कि केसर की खेती से उन्हें खासा लाभ मिला है।
किसान कुंवरपाल यादव ने बताया कि केसर की फसल तैयार होकर घर पहुंच गई है। दिक्कत माल को बेचने में आ रही है क्योंकि, लाकडाउन के चलते तमाम कारोबार ठप हैं। राजस्थान की पार्टी 10 किलो माल खरीद रही है। उसने दो लाख रुपये नकद दिए जाने और बाकी पेमेंट बाद में देने को कहा है। केसर को उधारी में देने का मन नहीं है। अभी और जगह भी बातचीत चल रही है।
राजकीय उद्यान अधीक्षक पूजा ने बताया कि केसर की फसल पर 20 से 25 दिन में फंगस लगती है। जिससे बचाव के लिए देसी उपाय के रूप में नीम के पत्ते और धतूरे के पत्तों को पानी में उबालकर फसल पर छिड़काव किया जाता है। केसर की फसल में पहली सिंचाई 15 दिन में की जाती है। उसके बाद 20 से 30 दिन के बीच सिंचाई की जाती है। फसल के लिए वर्षा लाभकारी है जबकि, तेज हवा और ओलावृष्टि नुकसानदायक होती है।
