टीकाकरण ही हथियार

टीकाकरण ही हथियार

देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार तेजी से थमने लगी है। इस लहर ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को काफी प्रभावित किया। कोरोना की रफ्तार में गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में सक्रिय मामलों की दर घटकर 6.73 फीसदी रह गयी है, जबकि रिकवरी दर बढ़कर …

देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार तेजी से थमने लगी है। इस लहर ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को काफी प्रभावित किया। कोरोना की रफ्तार में गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में सक्रिय मामलों की दर घटकर 6.73 फीसदी रह गयी है, जबकि रिकवरी दर बढ़कर 92.09 फीसदी तथा मृत्युदर बढ़कर 1.18 फीसदी हो गई है। 7 मई को कोरोना के मामलों के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद, उनमें करीब 69 फीसदी की कमी आई है।

दूसरी लहर को रोकने में राज्यों के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण अभियान बड़ा हथियार साबित हुआ है। कहा जा रहा है दोनों की मदद से संक्रमण की रफ्तार को रोकने में सफलता मिली है। कई राज्यों ने लाकडाउन में शर्तों के साथ छूट दे दी है। टीकाकरण की बात करें तो भारत में अब तक 21 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि जिन जिलों में लाकडाउन में ढील दी गई है उनमें ऐसे जिलों में एक हफ्ते तक संक्रमण दर पांच फीसदी से कम होनी चाहिए, 70 फीसदी से अधिक पात्र आबादी का टीकाकरण हो जाना चाहिए और कोविड-19 के उपयुक्त व्यवहार करने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता होनी चाहिए। जल्द से जल्द टीकाकरण पूरा कराना राज्य सरकारों की प्राथमिकता में है। लोगों को जागरूक करने के साथ तरह-तरह के लालच दिए जा रहे हैं।

इटावा में आदेश हुआ कि शराब सिर्फ वही खरीद सकेंगे, जिन्हें वैक्सीन लग गई है। फिरोजाबाद में ऐलान हुआ है कि वैक्सीन लगवाने पर ही तनख्वाह मिलेगी। राहत की बात है कि टीकों की कमी को लेकर जो असमंजस की स्थिति बनी हुई थी उस पर मंगलवार को आईसीएमआर व स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जुलाई या अगस्त की शुरुआत तक कोविड-19 के पर्याप्त टीके उपलब्ध होंगे, जिससे प्रति दिन एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सकेगा।

चूंकि कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका बनी हुई है। इसलिए सबसे पहले जिन जिलों में संक्रमण दर अधिक है, वहां बहुत तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। इसमें सीरो सर्वे भी मददगार साबित हो सकता है। हालांकि आईसीएमआर चौथा सीरो सर्वे कराने की तैयारी कर रहा है। टीकाकरण को लेकर भी सर्वे कराने की जरूरत है ताकि यह पता चले कि कितनी फीसदी आबादी सुरक्षा जोन में है। लोगों के मन में टीकाकरण को लेकर जो भ्रम की स्थिति है उसके लिए बड़े पैमाने पर संवेदीकरण कार्यक्रम चलाकर जागरूकता पैदा करनी होगी।