लखीमपुर खीरी: बाघिन के शावक देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत

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बांकेगंज/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुधवा टाइगर रिजर्व के महुरेना वन क्षेत्र के गंगापुर गांव में शावक देखे जाने से जंगल से निकटवर्ती गांवों के ग्रामीणों में दहशत है। वन्यजीवों से अपनी सुरक्षा के लिए घर के एक सदस्य को रात जागकर बिताना पड़ रही है। गंगापुर का एक लड़का जंगल के समीप के खेत में …

बांकेगंज/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। दुधवा टाइगर रिजर्व के महुरेना वन क्षेत्र के गंगापुर गांव में शावक देखे जाने से जंगल से निकटवर्ती गांवों के ग्रामीणों में दहशत है। वन्यजीवों से अपनी सुरक्षा के लिए घर के एक सदस्य को रात जागकर बिताना पड़ रही है।

गंगापुर का एक लड़का जंगल के समीप के खेत में शौच करने के लिए गया था। वहां उसने जब बाघिन के शावकों को देखा तो डरकर शोर करने लगा। गांव के आकाश, प्रताप सिंह सहित अन्य ग्रामीण खेतों की तरफ लाठी-डंडा लेकर दौड़े। उन्होंने भी शावकों को देखा। ग्रामीणों को शंका हुई कि जब शावक हैं तो बाघिन भी होगी। यह सोचकर ग्रामीणों ने शोर किया तो शवक गन्ने के खेत में घुस गए। वन दरोगा राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने पग चिन्ह देखकर बाघिन के बजाय अन्य वन्यजीव होने की बात कही और ग्रामीणों से अपील की खेतों की तरफ जाएं तो समूह बनाकर जाएं।

गौरतलब है कि 10 दिनों पूर्व रात ढाई बजे के करीब एक तेंदुए के हमले में गंगापुर गांव के ही पिता-पुत्र घायल हो गए थे। उसी दिन संसारपुर बेलहिया भट्ठे के पास एक अन्य वन्यजीव के हमले से संसारपुर के पिता और पुत्र घायल हो गए। वन्यजीवों के हमले से घबराए ग्रामीणों के घर का एक सदस्य बारी बारी से रात में जागता रहता है।

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