बरेली: स्कूल न जाने से पड़ी डांट, किशोरी ने जहर खाकर दी जान
बरेली, अमृत विचार। लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने पर पिता ने बेटी को स्कूल जाने की हिदायत दी। जब बेटी स्कूल नहीं गई तो पिता ने उसे डांट दिया। डांट से आहत होकर किशोरी ने जहर खा लिया। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं परिजन किशोरी की मौत की वजह को लेकर टालमटोल …
बरेली, अमृत विचार। लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने पर पिता ने बेटी को स्कूल जाने की हिदायत दी। जब बेटी स्कूल नहीं गई तो पिता ने उसे डांट दिया। डांट से आहत होकर किशोरी ने जहर खा लिया। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं परिजन किशोरी की मौत की वजह को लेकर टालमटोल कर रहे हैं। भाई की कमी खलने से किशोरी के मानसिक तौर पर परेशान होने की बात भी सामने आ रही है।
फतेहगंज पश्चिमी थानाक्षेत्र के गांव खिरका निवासी धर्मवीर गंगवार बरेली स्थित किसी दुकान पर निजी कार्मचारी हैं। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और सुविधाओं के चलते वह परिवार सहित कस्बा फतेहगंज में रहने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि धर्मवीर की तीन बेटियां हैं जिनमें से एक बेटी कुमारी प्रियांशी(16) पदोन्नत होकर कक्षा 10 में पहुंची है। 16 अगस्त से स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुई थी। बताया जा रहा है कि किशोरी के पिता ने उसे स्कूल जाने की हिदायत दी थी। जिसके बाद वह अपने काम पर चले गए थे।
शाम को जब वह वापस आए तो किशोरी के स्कूल न जाने की बात का पता चला। जिसके बाद उन्होंने किशोरी की डांट लगा दी। वहीं कुछ ही देर बाद गुस्सा शांत होने पर किशोरी ने परिजनों के साथ बैठकर खाना खाया और उसके बाद सोने चली गई। देर रात किसी समय उसने जहर खा लिया।
टीवी देखने के बाद परिजन जब छत पर सोने पहुंचे तो किशोरी की हालत गंभीर थी। जिसके बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि परिजनों ने जहर से किशोरी की मौत की बात से साफ इंकार किया है। वहीं दूसरी तरफ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर से किशोरी की मौत की पुष्टि हुई है।
सालों से खल रही थी भाई की कमी, रहती थी उदास
रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधना हर बहन का सपना होता है। अपने आसपास सहेलियों को उनके भाइयों के बारे में बातचीत करते सुनना और रक्षाबंधन पर उन्हें राखी बांधने की तैयारी करते देखना यह सब बातें ऐसी लड़की के लिए बहुत मायने रखती हैं, जिसका कोई भाई न हो। कुछ जानकार लोगों ने बताया कि प्रियांशी की दो छोटी बहने हैं लेकिन कोई भाई नहीं है। बताया जा रहा है कि भाई के न होने से भी वह अक्सर उदास रहती थी। खासकर राखी का त्यौहार पास आते-आते उसे भाई की कमी और ज्यादा खलने लगती थी।
