पीलीभीत: दो दिन इंटरनेट बंद होने से कोविड वैक्सीनेशन ठप
पीलीभीत, अमृत विचार। लखीमपुर कांड के चलते दो दिन से इंटरनेट बंद होने से कोविड की वैक्सीन लगने का काम ठप हो गया। नेट न आने से वैक्सीन की डोज लगवाने आए लोगों को बिना टीका लगाए ही वापस लौटना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकाकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन है। इंटरनेट न चलने …
पीलीभीत, अमृत विचार। लखीमपुर कांड के चलते दो दिन से इंटरनेट बंद होने से कोविड की वैक्सीन लगने का काम ठप हो गया। नेट न आने से वैक्सीन की डोज लगवाने आए लोगों को बिना टीका लगाए ही वापस लौटना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकाकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन है। इंटरनेट न चलने से पोर्टल पर कोविड वैक्सीन लगवाने वालों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इसलिए टीकाकरण ठप है।
कोरोना से बचाव को लेकर अब तक 11 लाख लोगों को टीकाकरण हो चुका है। तीसरी लहर को देखते हुए शासन शत प्रतिशत टीकाकरण करने पर जोर दे रहा है। लखीमपुर में आठ किसानों की कार कुचलकर मौत होने के बाद शासन ने सोमवार को लखीमपुर,गोला,पलिया, पीलीभीत और शाहजहांपुर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी। इस वजह से अन्य ऑनलाइन कामकाज के साथ ही कोविड वैक्सीनेशन का काम भी ठप हो गया।
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को 22 हजार लोगों क टीकाकरण कराने का लक्ष्य था। मगर, पोर्टल पर पंजीकरण न होने की वजह से पंजीकृत लोगों के टीका नहीं लग पाया। मंगलवार को भी इंटरनेट बंद था। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण करना बंद कर दिया। सीएचसी बरखेड़ा, और न्यूरिया के अलावा बीसलपुर में एक-एक और सीएचसी बिलसंडा में दो टीकाकरण बूथ बनाए गए। सुबह कुछ देर के लिए बॉडबैंड के जरिए पोर्टल चालू कर टीकाकरण शुरू किया गया। मगर, दोपहर 12 बजे के बाद यहां भी सेवा ठप हो गई।
वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगवाने आए लोगों को वापस लौटना पड़ा। मगर कई लोग टीकाकरण बूथ पर वैक्सीन लगाने की जिद पर अड़ गए। तो मैनुअल तरीके से एंट्री करके उन्हें पहली डोज लगाई गई। वैक्सीन की दूसरी डोज का टीका किसी को भी नहीं लगाया जा सका।
इंटरनेट बंद होने से कोरोना टीकाकरण प्रभावित रहा। जिन सेंटरों पर ब्रॉडबैंड की सुविधा है, वहां टीकाकरण कराया गया। इंटरनेट शुरू होने के बाद ही व्यवस्थाएं ठीक हो पाएंगी। —डॉ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ
