ओमिक्रॉन से बचने के लिए डॉ. सूर्यकांत ने बताए ये पांच जरूरी मंत्र

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचने के पांच जरूरी मंत्र बताए हैं। उन्होंने बताया कि हमें पांच जरूरी मंत्रों को अपने जीवन में पूरी तरह से उतार लेना चाहिए। यह पाँच जरूरी मंत्र हैं-समय से कोविड टीके की दोनों डोज …
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचने के पांच जरूरी मंत्र बताए हैं। उन्होंने बताया कि हमें पांच जरूरी मंत्रों को अपने जीवन में पूरी तरह से उतार लेना चाहिए। यह पाँच जरूरी मंत्र हैं-समय से कोविड टीके की दोनों डोज को लगवाना, टीकाकरण के बाद भी मास्क को अपनाए रखना, दो गज की दूरी का पालन करना, हाथों की अच्छी तरह से सफाई का पूरा ख्याल रखना और एक-दूसरे से हाथ मिलाने से बचना ।
डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि अब तक आई रिपोर्ट्स की माने तो वेरिएंट ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से भी पांच गुना ज्यादा खतरनाक है, लेकिन राहत की बात यह है कि यह पहले जैसा घातक नहीं है। इसलिए संक्रमण की गिरफ्त में आए मरीज को आईसीयू व आक्सीजन जैसी जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन वह किसी को भी अपनी चपेट में न ले सके इसके लिए लोग जरूरी मंत्रों को अपनाएं।
एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें और कोशिश रहे कि भीड़भाड़ से बचकर ही रहें। इसके अलावा एक अन्य जरूरी मंत्र को अपने पूरे जीवन में उतार लें कि किसी से भी हाथ नहीं मिलाना है। अभिवादन करने या सम्मान व आदर करने के एक से एक तरीके मौजूद हैं तो हम हाथ क्यों मिलाएं क्योंकि यही वह कमजोर कड़ी है जब वायरस इधर से उधर जाने का मौका पा सकता है।
इसलिए एक दूसरे का नमस्ते या प्रणाम कहकर अभिवादन कर सकते हैं । इसके अलावा किसी भी वस्तु या सतह के संपर्क में हाथों के आने के बाद साबुन-पानी या सेनेटाइजर से उनकी अच्छी तरह से सफाई जरूर करें । बाहर से घर लौटने पर भी साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें ताकि जूते-चप्पल या पहनी हुई किसी भी चीज के जरिए वायरस घर तक न पहुंच सके।