उत्तराखंड का चमत्कारी धाम, यहां सात जनम के रिश्ते में बंधने को विदेशियों का लगता है तांता

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

हल्द्वानी, अमृत विचार। देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे अनगिनत धाम हैं जहां से जुड़े चमत्कार न केवल देश बल्कि विदेशों में भी जाने जाते हैं। ऐसा ही एक पावन और चमत्कारिक धाम बाबा हैड़ाखान मंदिर भी है। कुमाऊं के रानीखेत और लुगड़, कलसा और गौला नदी के संगम पर स्थापित बाबा हैड़ाखान का मंदिर अपार आस्था …

हल्द्वानी, अमृत विचार। देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे अनगिनत धाम हैं जहां से जुड़े चमत्कार न केवल देश बल्कि विदेशों में भी जाने जाते हैं। ऐसा ही एक पावन और चमत्कारिक धाम बाबा हैड़ाखान मंदिर भी है। कुमाऊं के रानीखेत और लुगड़, कलसा और गौला नदी के संगम पर स्थापित बाबा हैड़ाखान का मंदिर अपार आस्था का केंद्र है। यही वजह है कि बाबा के इस धाम में देश से ही नहीं विदेशों से भी अनगिनत श्रद्धालु मनोरथ सिद्ध करने को पहुंचते हैं।

बाबा हैड़ाखान की अलौकिक छवि।

भक्त को गुफा से सीधे हरिद्वार पहुंचा दिया बाबा हैड़ाखान ने
बाबा हैड़ाखान मंदिर में योग, साधना और चमत्कारों की अनुभूति करने के लिए साल भर श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी गौरहरी बताते हैं कि पहले हैड़ाखान क्षेत्र में कोई मंदिर नहीं था, तब बाबा नवदुर्गा मंदिर समूह के नीचे बनी गुफा में साधना करते थे। फिर श्रद्धालुओं ने एकजुट होकर बाबा के समाधि स्थल और मंदिर का निर्माण करवाया। आज यह एक ट्रस्ट बन गया है। बताया जाता है कि एक बार एक भक्त ने बाबा से हरिद्वार कुंभ में स्ना करने की इच्छा जताई। जिस पर बाबा उन्हें गुफा के अंदर ले गए और कहा आओ चलो हरिद्वार कुंभ में स्नान करने चलते हैं। बाबा ने भक्त को पूरे विश्वास से आंखें बंद करने को कहा। कुछ देर में भक्त ने खुद को बाबा के साथ हरिद्वार हर की पौड़ी पर पाया।

लुगड़, कलसा और गौला नदी के संगम पर स्थापित बाबा हैड़ाखान मंदिर।

शादी के बंधन में बंधने को लगता है विदेशियों का तांता
बाबा हैड़ाखान की महिमा अपरंपार है। लोक कल्याण के लिए उनके चमत्कारों और योग साधना से प्रभावित उनके भक्त देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। बाबा से जुड़ी आस्था का ही प्रभाव है कि बड़ी संख्या में विदेशों से युवक-युवतियां बाबा के धाम में नए जीवन की शुरुआत करने पहुंचते हैं। यहां सात जन्म के रिश्ते में बंधकर बाबा के प्रति आस्था जाहिर करते हैं। इसके बाद विदेशी जोड़ों का विधि विधान से नामकरण संस्कार भी होता है।

रानीखेत और हैड़ाखान क्षेत्र में स्थित बाबा के धामों में हर साल इटली, जापान, अमेरिका, स्पेन, कनाडा, फ्रांस समेत विश्वभर से लोग पहुंचते हैं। रानीखेत के चिलियानौला स्थित हैड़ाखान मंदिर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर हर साल जगदंबा महायज्ञ का आयोजन होता है। इस दौरान अग्नि को साक्षी मानकर विदेशी युवक और युवतियां हिंदू रीति रिवाज से दांपत्य जीवन में बंधते हैं। चिलियानौला में हैड़ाखान मंदिर की स्थापना 1973 में हुई थी।

रानीखेत के चिलियानौला में स्थित बाबा हैड़ाखान मंदिर।

शम्मी कपूर से लेकर प्रियंका चोपड़ा तक बाबा हैड़ाखान के भक्त
बाबा हैड़ाखान के भक्तों में आम जन ही नहीं बल्कि देश दुनिया की कई बड़ी हस्तियां भी शुमार हैं। जिनमें बॉलीवुड के सुपर स्टार शम्मी कपूर, प्रियंका चोपड़ा, राजेश पायलट भी शामिल हैं। बाबा के प्रति ये अगाध आस्था ही थी कि शम्मी कपूर ने 1982 में अपने पुत्र निक्की कपूर का विवाह हैड़ाखान मंदिर भीमताल में ही किया था। इस दौरान राज कपूर से लेकर शशि कपूर का पूरा परिवार हैड़ाखान में रहा। 1975 में शम्मी कपूर ने हैड़ाखान मंदिर में आने पर गेरुवा वस्त्र और रुद्राक्ष की माला धारण की थी।

चमत्कार वाले हैड़ाखान बाबा को उड़ते देखा
बाबा हैड़ाखान के बारे में उनके भक्त बताते हैं कि बाबा अपने भक्तों को कहीं भी किसी भी रूप में दर्शन देते हैं। बाबा में उड़ने की भी शक्ति है। यही वजह है कि बाबा को अमर बाबा के नाम से भी जाना जाता है। भक्तों का मानना है कि कई बार उन्हें हिमालय पर्वत श्रृंखला के ऊपर उड़ते हुए देखा गया है। सबसे पहली बार हिमालय पर्वत श्रृंखला में उन्हें 1970 में गुफा के अंदर ध्यान लगाए देखा गया। 45 दिनों तक बाबा ध्यान में तल्लीन रहे। अलग-अलग मतों की मानें तो बाबा ने 1984 में अपने ही आश्रम में महासमाधि ले ली और शरीर त्याग दिया। लेकिन लोगों को आश्चर्य तब हुआ जब बाबा 2002 में कैलाश पर्वत पर नंगे पांव चहलकदमी करते नजर आए। बाबा के भक्तों और ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार बाबा हैड़ाखान को हवा में उड़ते देखा है। माना जाता है कि बाबा अजर अमर हैं।

 

संबंधित समाचार