क्या है कीड़ा जड़ी, कहां मिलती है, जानिए पूरी जानकारी
पहाड़ की दुर्गम वादियों में एक खास जड़ी मिलती है जो कि दुनिया की सबसे महंगी और अनोखी बूटी है। इस बूटी की अंतराष्ट्रीय बाजार में खासी मांग है। इस बूटी को हिमालयी वियाग्रा और यार्सागम्बू के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर लोग इसे कीड़ा जड़ी के नाम से जानते है, ये …
पहाड़ की दुर्गम वादियों में एक खास जड़ी मिलती है जो कि दुनिया की सबसे महंगी और अनोखी बूटी है। इस बूटी की अंतराष्ट्रीय बाजार में खासी मांग है। इस बूटी को हिमालयी वियाग्रा और यार्सागम्बू के नाम से भी जाना जाता है।
आमतौर पर लोग इसे कीड़ा जड़ी के नाम से जानते है, ये अपने कामोद्दीपक गुणों के कारण मशहूर हैं। बता दें कि हिमालय में बर्फ पिघलने पर नेपाल के सैकड़ों ग्रामीण इस जड़ी बूटी को इकट्ठा करने के लिए चोटी की ओर जाते हैं और वहीं रहकर इस बूटी का एकत्र करते हैं जिसके बाद इसे बेचा जाता है। हलांकि यह काफी थकाऊ प्रक्रिया है मगर इसकी बाजार में अच्छी डिमांड है और कीमत बहुत ज्यादा। एक किलो कीड़ा जड़ी की अंतराष्ट्रीय कीमत लगभग बीस से पच्चीस लाख तक है।

एसे बनती है कीड़ा जड़ी
एक कीट का प्यूपा लगभग 5 साल पहले हिमालय और तिब्बत के पठारों में भूमिगत रहता है। अपने सूंडी बनने के दौरान, इस पर ओफियोकार्डिसिपिटैसियस वंश की फफूद द्वारा हमला किया जाता है, जो अपने जाल में लपेटकर इस कीड़े को मारता है। इसके बाद यह फफूंदी सूंडी के शरीर में प्रवेश करती है। यह सूंडी से ऊर्जा को चूसने और कीड़े के सिर के माध्यम से अपना रास्ता निकालता है। इसके बाद यह फफूंद सूंडी के माथे से निकलती है। इस तरह कीड़ा जड़ी प्राप्त होती है। यह एक विशेष प्रकार की जड़ी बूटी है, जिसकी खेती हर जगह पर नहीं उगती है। कहा जाता है कि इस जड़ी बूटी के लिए सबसे अच्छा मौसम जून से अगस्त होता है। हलांकि अब कई हिस्सों में इसको नियंत्रित वातावरण में ग्रीन हाउस के अंदर विकसित किया जा रहा है।

कैसे करे इसकी पहचान
अगर आप कीड़ा जड़ी की ठीक से पहचान नहीं कर पाते हैं, तो हम आपको बता दें कि कीड़ा जड़ी मुख्य रूप से एक कीड़े की तरह होती है, जोकि उगते समय हरे रंग की दिखाई देती है। यह खुरदरा होती है और यह कई जगहों से नुकीला सा रहता है।
कैसे खाया जाता है
इसको खाने के लिए छीला जाता है या फिर कीड़ा जड़ी को चूर्ण या पाउडर में पीसा जाता है। एक व्यक्ति एक बार में करीब 0.3 से 0.7 ग्राम के बीच इसका सेवन रोजाना कर सकता है। इसे गर्म पानी में घोलकर, दूध में या फिर किसी अन्य पेय में मिलाकर पी सकते हैं।

क्या है इसका फायदा
आयुर्वेदाचार्य जोत सिंह के अनुसार कीड़ा जीड़ा में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, पेपटाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन बी-1, बी-2 और बी-12 जैसे पोषक तत्व होते हैं, जोकि शरीर को ताक़त देते हैं। कई खिलाड़ी इसका इस्तेमाल करते हैं मजेदार बात यह है कि खिलाड़ी ने इसका सेवन किया है इस बात का खुलाशा डोपिंग टेस्ट में भी पकड़ में नहीं आता। किडनी के इलाज में इसे जीवन रक्षक दवा माना गया है। कीड़ा जड़ी को फेफड़ों और गुर्दे को मजबूत करने, ऊर्जा और जीवन शक्ति को बढ़ाने, रक्तचाप को रोकने, कर्कश को कम करने के लिए भी शक्तिशाली माना जाता है।
साथ ही पीठ दर्द, शुक्राणु उत्पादन में वृद्धि और रक्त उत्पादन में वृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा सांस, अस्थमा, नपुंसकता, उत्सर्जन, कमर और घुटनों, चक्कर आना और सूजन की कमी के लिए लिया जाता है। कीड़ा जड़ी का उपयोग ट्यूमर रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी किया जाता है, यह जीवन शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है. कीड़ा जड़ी के लाजवाब औषधीय गुणों की वजह से इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में करीब 20 से 25 लाख रुपये प्रति किलो तक होती है।
