कानपुर: नवरात्र पर बारा देवी मंदिर में जमकर उमड़ी भक्तों की भीड़

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कानपुर। वासंतिक नवरात्र के प्रारंभ के साथ ही देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों की भारी भीड़ मां के दर्शरों को उमड़ रही है। भक्त दर्शन कर देवी मां से अपनी मनोकामना पूरा करने की प्रार्थना कर रहे हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है बारादेवी मंदिर जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर …

कानपुर। वासंतिक नवरात्र के प्रारंभ के साथ ही देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों की भारी भीड़ मां के दर्शरों को उमड़ रही है। भक्त दर्शन कर देवी मां से अपनी मनोकामना पूरा करने की प्रार्थना कर रहे हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है बारादेवी मंदिर जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ अपनी कामना प्रगट करता है, माता उसे अवश्य पूरा करती हैं। वास्तव में यह बारह देवी मंदिर है किंतु बोलचाल में लोग बारादेवी कहते हैं और इसी रूप में लोग मंदिर से परिचित हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ये 12 बहनें थीं जो अपने पिता के कोप से बचने के लिए घर से भाग निकली थीं। सभी बहनें इसी स्थान पर पत्थर की मूर्ति के रूप में परिवर्तित हो गईं। तभी से इस स्थान को पहले बारह देवी और फिर बाद में बारादेवी कहा जाने लगा। बाद में भक्तों ने यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया।

मंदिर के पुजारी का कहना है कि नवरात्र में यहां कोई भक्त मां का नाम लेकर चुनरी बांधता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। मन्नत पूरी होने पर भक्त चुनरी की गांठ खोलने अवश्य आता है। मान्यता तो यहां तक है कि निसंतान दंपती को प्रार्थना करने पर संतान सुख भी प्राप्त होता है, हां संतान होने पर मंदिर में आकर बच्चे का मुंडन कराने के बाद बांधी गई चुनरी की गांठ खोली जाती है।

अष्टमी के दिन अलग-अलग मोहल्लों से मां के जवारे निकाले जाते हैं जिसमें भक्त गालों में सांग (नुकीली सरिया) लेकर चलते हैं।   नवरात्र के अवसर पर मंदिर में मेला लगता है और देवी मां के दर्शन करने के लिए कानपुर ही नहीं दूसरे जिलों के भक्त भी हजारों की संख्या में आते हैं।

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