बाराबंकी: एमएलसी चुनाव की पूर्व संध्या पर टाइमर बम मिलने को लेकर लगने लगे कयास, जिले में गर्म रहा अफवाहों का बाजार

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बाराबंकी। विधान परिषद चुनाव की पूर्व संध्या पर नगर कोतवाली क्षेत्र के सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पीछे पाए गये टाइमर बम को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव में सनसनी फैलाने की साजिश थी। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स खुद मानते हैं कि पाए गए टाइमर बम ज्यादा …

बाराबंकी। विधान परिषद चुनाव की पूर्व संध्या पर नगर कोतवाली क्षेत्र के सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पीछे पाए गये टाइमर बम को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव में सनसनी फैलाने की साजिश थी। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स खुद मानते हैं कि पाए गए टाइमर बम ज्यादा शक्तिशाली नहीं थे बल्कि यह बम जैसी कोई वस्तु थी।

सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पीछे जहां बम बरामद हुए हैं यह स्थान लखनऊ और बाराबंकी दोनों से लगभग समान दूरी पर स्थित है। पुलिस भी मानती है कि यह अगर टाइम बम था तो इससे ट्रायल के लिए ही लाया गया था। ट्रायल इसलिए भी सफल नहीं हो सका क्योंकि बम बनाने वाले संभवत: नौसिखिए थे। शायद इसीलिए टाइमर को सही ढंग से एडजस्ट नहीं किया जा सका। बम डिस्पोजल स्क्वायड का मानना है कि जिस समय बम को निष्क्रिय किया गया टाइमर काम नहीं कर रहे थे। इसमें लगी घड़ी की सुइयां जरूर संकेत दे रही थी।

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यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि जो लोग बम लेकर आए थे वह बाहरी भी हो सकते हैं। वह संभवत: किसी ट्रेन से यहां उतरे हों, और स्टेशन के पीछे बम ले जाकर ट्रायल करने की कोशिश की हो। फिलहाल यह भी कयास ही है। मामले के खुलासे के लिए मौके पर भेजा गया डॉग स्क्वायड भी निराश होकर ही वापस लौटा है। यह जरूर है कि आसपास के क्षेत्रों में इस घटना को लेकर कई घंटे तक सनसनी फैली रही और जिले भर में अफवाहों का बाजार गर्म रहा। ऐसे में विधान परिषद चुनाव को प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

साजिश रच रहा है कोई बड़ा गिरोह

बाराबंकी पिछले काफी दिनों से आपराधिक घटनाओं का केंद्र रहा है। मुख्तार अंसारी गिरोह के 10 सदस्य एंबुलेंस प्रकरण में बाराबंकी के ही जिला कारागार में बंद हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कोई बड़ा गिरोह इस साजिश में शामिल हो सकता है। पुलिस अधीक्षक ने इसके खुलासे के लिए सर्विलेंस और साइबर टीमों के साथ -साथ पुलिस की कई टीमें गठित की हैं। अनुमान यह भी है कि बाराबंकी की बजाय राजधानी को दहलाने के लिए यह साजिश रची जा रही हो

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