खनन माफिया इकबाल पर सहारनपुर पुलिस ने कसा शिकंजा, एससपी बोले जल्द होगी गिरफ्तारी
सहारनपुर। यूपी में सहारनपुर के कुख्यात खनन माफिया एवं विधान परिषद के पूर्व सदस्य हाजी इकबाल पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए उसकी जल्द गिरफ्तारी होने के संकेत दिये हैं। सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आकाश तोमर ने शुक्रवार काे बताया कि इकबाल के खिलाफ थाना बेहट और थाना मिर्जापुर में दो मुकदमे दर्ज …
सहारनपुर। यूपी में सहारनपुर के कुख्यात खनन माफिया एवं विधान परिषद के पूर्व सदस्य हाजी इकबाल पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए उसकी जल्द गिरफ्तारी होने के संकेत दिये हैं। सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आकाश तोमर ने शुक्रवार काे बताया कि इकबाल के खिलाफ थाना बेहट और थाना मिर्जापुर में दो मुकदमे दर्ज हैं। पहला मुकदमा बेहट थाने में 80 बीघा जमीन के गलत आवंटन का और दूसरा मुकदमा थाना मिर्जापुर में गैगस्टर एक्ट के तहत दर्ज है।
तोमर ने इकबाल को पुलिस का वांछित अभियुक्त बताते हुए कहा कि उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो जायेगी। उन्होंने बताया कि बेहट सर्किल में इकबाल के अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधीक्षक (देहात) अतुल शर्मा के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
इस बीच थाना मिर्जापुर पुलिस ने इकबाल के करीबी सहयोगी और तीन चीनी मिलों समेत कथित रूप से करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति के मालिक नसीम पुत्र अब्दुल गफ्फार को शुक्रवार काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दस्तावेजी सबूतों के मुताबिक नसीम, यूं तो मजदूर है, लेकिन वह लखीमपुर खीरी, सीतापुर और गोरखपुर की तीन चीनी मिलों में निदेशक भी है। उसके दोनों बेटे मजदूरी करते है।
नसीम के नाम गोल्डन एग्रीकल्चर लिमिटेड नामक फर्म भी है, जिसकी गांव शफीपुर, शाहपुर गाढा और फतेहपुर टांडा में 600 बीघा जमीन है। तोमर ने बताया कि पुलिस के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक नसीम के नाम 87 बीघा जमीन और बाग है। जबकि उसके बेटे नदीम के नाम 35 बीघा जमीन है। बेहट के क्षेत्राधिकारी मोहम्मद रिजवान के मुताबिक यह सभी संपत्ति हाजी इकबाल की है, जो उसने राजस्व विभाग के दस्तावेजों में नसीम के नाम से दर्ज कराई हुई है।
पुलिस ने पिछले दिनों इकबाल के सहयोगी एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख राव लईक को गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तोमर ने बताया कि 80 बीघा जमीन के आवंटन में अनियमितता का मामला बेहट थाने में दर्ज है। इस मामले में राजस्व विभाग के चार अधिकारियों की मिलीभगत भी जांच का विषय हे। इनमें से दो अधिकारियों की मौत हो चुकी है और दो अन्य जेल में हैं। मामले के अन्य आरोपियों में हाजी इकबाल वांछित है।
गौरतलब है कि केंद्रीय एजेंसियां भी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्तियों की जांच कर रही है। पिछले दो दशक सेे हाजी इकबाल पुलिस-प्रशासन के निशाने पर है। यह बात दीगर है कि वह कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। तोमर ने कहा कि वह इकबाल को जल्द गिरफ्तार कर जेल अवश्य भेजेंगे।
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